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राष्ट्रीय तीर्थाटन पुनरुद्धार और अध्यात्म वर्धन अभियान (प्रसाद) मिशन योजना के तहत काशी को केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति की ओर से छह परियोजनाओं के लिए 24.62 करोड़ रुपये की मंजूरी की सिफारिश की गई है।
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राष्ट्रीय तीर्थाटन पुनरुद्धार और अध्यात्म वर्धन अभियान (प्रसाद) मिशन योजना के तहत काशी को केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति की ओर से छह परियोजनाओं के लिए 24.62 करोड़ रुपये की मंजूरी की सिफारिश की गई है।
सोमवार को संसद में बजट प्रस्तुत करते समय यह जानकारी वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दी। देश में सांस्कृतिक विश्व धरोहर के 25 स्थान हैं। देश और दुनिया के सैलानियों के आकर्षण का केंद्र इन धरोहर स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं ठीक नहीं हैं।
यहां भूदृश्य सुधार, संकेत और भाषांतर केंद्र की स्थापना, पार्किंग, विकलांग व्यक्तियों के लिए आवागमन और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था, सुरक्षा और टॉयलेट सहित आगंतुकों के लिए सुख-सुविधाएं, प्रकाश की व्यवस्था के साथ इन स्थानों के आसपास रहने वालों को लाभान्वित करने के लिए केंद्र सरकार ने ‘प्रसाद’ योजना तैयार की है। वित्त मंत्री ने बताया कि बीते एक साल में काशी के लिए प्रसाद योजना के तहत छह परियोजनाओं के लिए धनराशि मंजूर करने की सिफारिश की गई है।
आम बजट में सर्विस टैक्स बढ़ने से जहां महंगाई पर लगाम की कोशिशों को झटका लगा है, वहीं पर्यटन और बुनकरों के लिए किसी तरह की रियायत की घोषणा न होने से कारोबारी मायूस हैं।
खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के बुनकरों और पर्यटन कारोबारियों को उम्मीद थी कि नए बजट में सरकार इस उद्योग की बेहतरी के लिए सर्विस टैक्स में छूट का प्रावधान कर सकती है मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुल मेहता कहते हैं, आम बजट से पर्यटन एजेंसियों को अपेक्षा थी कि सर्विस टैक्स में रियायत मिलेगी। होटल में ठहरना और रेस्तरां में खाना सस्ता होगा।
मगर टैक्स कम होने के बजाय बढ़ गया। इतना ही नहीं रेल और हवाई किराया भी बढ़ा है। इससे पर्यटन कारोबार पर सीधा असर पड़ेगा। बौद्ध और जैन टूरिज्म सर्किट के लिए भी बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। हालांकि 20 नए हवाई अड्डे बनाने के एलान से थोड़ी उम्मीद जरूर जगी है।
मेहता ने कहा कि पूरी उम्मीद थी कि आम बजट में पर्यटन विकास के लिए सरकार विशेष पैकेज का एलान कर सकती है मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। बताया कि हर साल 50 लाख से ज्यादा देशी-विदेशी पर्यटक काशी आते हैं। काशी की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन पर आधारित है। पीएम का संसदीय क्षेत्र होने के नाते यहां के पर्यटन कारोबारियों को नए बजट से काफी उम्मीदें थीं।
खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के बुनकरों और पर्यटन कारोबारियों को उम्मीद थी कि नए बजट में सरकार इस उद्योग की बेहतरी के लिए सर्विस टैक्स में छूट का प्रावधान कर सकती है मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुल मेहता कहते हैं, आम बजट से पर्यटन एजेंसियों को अपेक्षा थी कि सर्विस टैक्स में रियायत मिलेगी। होटल में ठहरना और रेस्तरां में खाना सस्ता होगा।
मगर टैक्स कम होने के बजाय बढ़ गया। इतना ही नहीं रेल और हवाई किराया भी बढ़ा है। इससे पर्यटन कारोबार पर सीधा असर पड़ेगा। बौद्ध और जैन टूरिज्म सर्किट के लिए भी बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। हालांकि 20 नए हवाई अड्डे बनाने के एलान से थोड़ी उम्मीद जरूर जगी है।
मेहता ने कहा कि पूरी उम्मीद थी कि आम बजट में पर्यटन विकास के लिए सरकार विशेष पैकेज का एलान कर सकती है मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। बताया कि हर साल 50 लाख से ज्यादा देशी-विदेशी पर्यटक काशी आते हैं। काशी की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन पर आधारित है। पीएम का संसदीय क्षेत्र होने के नाते यहां के पर्यटन कारोबारियों को नए बजट से काफी उम्मीदें थीं।
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