नई दिल्ली: भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी आलोक कुमार वर्मा ने कल दिल्ली पुलिस के नए कमिश्नर का पदभार संभाल लिया .58 साल के वर्मा ने ऐसे समय में यह पद संभाला है जब जेएनयू विवाद से निपटने को लेकर दिल्ली पुलिस की खूब आलोचना हो रही है .
80,000 से ज्यादा कर्मियों वाली दिल्ली पुलिस के 20वें आयुक्त बने वर्मा ने भीमसेन बस्सी की जगह ली है .पिछले एक साल में विभिन्न मुद्दों को लेकर बस्सी की ‘आप’ सरकार के साथ तनातनी रही थी .
अरूणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेश कैडर के 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी वर्मा अब तक तिहाड़ जेल के महानिदेशक के रूप में काम कर रहे थे .
पुलिस (प्रशासन) में विशेष आयुक्त के रूप में सेवाएं देने के बाद, वर्मा छह अगस्त 2014 को तिहाड़ के महानिदेशक बने थे .उन्होंने 17 माह बाद सेवानिवृत्त होना है .
वायरलेस के जरिए समूचे पुलिस बल को पहली बार अपने संबोधन में वर्मा ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं एवं कमजोर वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता होगी .उन्होंने उम्मीद जताई कि पुलिस बल न सिर्फ गंभीर अपराधों पर ध्यान देगा बल्कि छोटे-मोटे अपराधों की भी अनदेखी नहीं की जाएगी . वर्मा ने कहा कि किसी समस्या का समाधान तलाश रहे आम आदमी के लिए उनके दफ्तर के दरवाजे हमेशा खुले हैं .
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस बात का गर्व है कि मुझे दिल्ली पुलिस के साथ काम करने का मौका दिया गया .एक साथ मिलकर हम दिल्ली पुलिस को बेहतर और मजबूत बनाने की दिशा में काम करेंगे .’’
वर्मा ने कहा, ‘‘समुदाय, जाति एवं धर्म जैसे मुद्दे हमारे कामकाज में कभी आड़े नहीं आने चाहिए और मैं अपने पुलिस बल से अपेक्षा रखता हूं कि वह न सिर्फ गंभीर अपराधों पर ध्यान देगा, बल्कि ऐसे छोटे मोटे अपराधों पर भी ध्यान देगा जिनसे आम आदमी को रोजाना दो-चार होना पड़ता है .’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि दिल्ली पुलिस का हर एक कर्मी भ्रष्टाचार, बेरूखी और बर्बरता से दूर रहेगा..वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकताओं में शामिल होगा .’’ कांस्टेबलों को पुलिस बल की ‘‘रीढ़’’ करार देते हुए वर्मा ने कहा कि पर्यवेक्षण अधिकारियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि अपने अधीनस्थों से उनका बेहतर संवाद हो, जिससे सुनिश्चित हो सके कि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द हो .
उन्होंने यह भी कहा कि वह पुलिस कर्मियों की आवास, बैरक और मेस की सुविधाएं बेहतर बनाने की पूरी कोशिश करेंगे . वर्मा ने कहा, ‘‘अपनी समस्या का समाधान तलाश रहे आम आदमी के लिए मेरे दफ्तर के दरवाजे हमेशा खुले हैं .’’
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