हिरासत में ली गईं 400 के करीब महिलाएं...

--


 न्यूज़: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंदिर प्रशासन और कार्यकर्ताओं के बीच बातचीत का समर्थन किया ताकि महिलाओं के मंदिर के भीतरी क्षेत्र स्थित पवित्र चबूतरे पर प्रतिबंध को लेकर रास्ता निकाला जा सके. फडणवीस ने कहा कि महिलाओं को पूजा करने का अधिकार है. गृह प्रभार संभालने वाले फडणवीस ने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म महिलाओं को पूजा का अधिकार देता है. कल की परंपरा में परिवर्तन हमारी संस्कृति है. पूजा में भेदभाव हमारी संस्कृति में नहीं है. मंदिर प्रशासन को इस मुद्दे को बातचीत से सुलझाना चाहिए.’’
महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री राम शिंदे ने कहा कि सरकार एक सौहार्दपूर्ण हल निकालने के लिए शनि शिंगणापुर मंदिर प्रशासन और महिला कार्यकर्ताओं के बीच बातचीत की पहल करेगी. अहमदनगर पुलिस ने पुणे के रणरागिनी भूमाता ब्रिगेड की कार्यकर्ताओं को मंदिर से करीब 70 किलोमीटर दूर सूपा गांव में रोककर भगवान शनि के मंदिर में पवित्र चबूतरे पर पूजा करने के उनके प्रयास को विफल कर दिया जहां महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित है. मंदिर प्रशासन के कथित लैंगिक (जेंडर) आधार पर भेदभाव के खिलाफ इन कार्यकर्ताओं के इस आंदोलन का नेतृत्व तृप्ति देसाई कर रही थीं.
हिरासत में ली गई महिला कार्यकर्ताओं को सूपा में एक विवाह हॉल में रखा गया था. इनकी निगरानी के लिए महिला पुलिसकर्मी तैनात थीं. अहमदनगर जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पंकज देशमुख ने कहा, ‘‘हमने तृप्ति देसाई एवं अन्य कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया. बम्बई पुलिस कानून की प्रासंगिक धाराओं के तहत कार्रवाई करने के बाद उन्हें शाम को जमानत पर रिहा कर दिया गया.” उन्होंने कहा, ‘‘हमने शनि शिंगणापुर के ग्रामीणों और महिला कार्यकर्ताओं के बीच टकराव टालने के लिए बहुत सावधानी बरती. कार्यकर्ताओं से वापस पुणे जाने के लिए कहा गया है.’’ पुलिस ने बताया कि कार्यकर्ताओं को बाद में बसों में वापस पुणे भेज दिया गया.
देसाई ने अपने प्रेस रिलिज़ में कहा, ‘‘हम मुख्यमंत्री से मिलने जा रहे हैं और उनसे अनुरोध करेंगे कि सरकार को मंदिर ट्रस्ट को अपने हाथ में ले लेना चाहिए और लैंगिक भेदभाव समाप्त करके पुरुष और महिला दोनों को मंदिर के भीतरी क्षेत्र में जाने की इजाजत देनी चाहिए.’’ तनावपूर्ण माहौल में कार्यकर्ताओं ने पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ जोरदार विरोध किया और नारेबाजी की और सड़क पर लेट गईं. महिला कार्यकर्ता चिल्ला रही थीं कि ‘गणतंत्र दिवस के दिन यह महिलाओं के लिए काला दिवस है.’
तृप्ति के पति प्रशांत देसाई ने कहा, ‘‘हम शांतिपूर्ण तरीके से मंदिर की ओर बढ़ रहे थे, पुलिस ने हमारी बसों को रोक दिया और हमें भगवान शनि का आशीर्वाद लेने से रोक दिया.’’ लैंगिक भेदभाव रोकने के लिए महिला कार्यकर्ताओं के अभियान का समर्थन करते हुए आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने कहा कि आंदोलन सही है क्योंकि महिला श्रद्धालुओं से भेदभाव के बारे में कहीं कुछ भी नहीं लिखा है.”



latest hindi news update by police prahari news
 -- Sponsored Links:-
Share on Google Plus

About PPN

0 comments:

Post a Comment