as per ABP :
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुखपत्र आर्गेनाइजर में चेतावनी दी गई है कि हमारी सांस्कृतिक विविधता में अंतर्निहित एकता को नजरंदाज करने से देश हिंसक अराजकता की ओर बढ़ सकता है. मुखपत्र में यह भी कहा गया है कि असहिष्णुता को लेकर सरकार के खिलाफ वर्तमान विरोध प्रदर्शन का संबंध बिहार चुनाव से है.
आर्गेनाइजर में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है कि इस धारणा को बनाने में सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, और मीडिया जगत का आपस में हाथ मिलाना एक दोहरा मापदंड है जिसका लक्ष्य सांस्कृतिक मूल्यों के साथ चल रही विकास की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करना है.
इसमें कहा गया है, ‘प्रतिबंध और असहिष्णुता के मुद्दों पर दोहरे मापदंड का षड्यंत्र का उद्देश्य सांस्कृतिक लोकाचार के साथ चलने वाली विकास की प्रक्रिया को बाधित करना है. इन सभी प्रमुख हस्तियों को यह समझना चाहिए कि भारत पाकिस्तान नहीं है क्योंकि यहां पर आरएसएस जैसे संगठन अस्तित्व में हैं.’
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