as per ABP :
काठमांडू: भारत-नेपाल सीमा पर सोमवार को पैदा हुए ताजा तनाव के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली ने भारत को नेपाल के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं देने की चेतावनी दी.
नेपाल के नए संविधान के खिलाफ मधेसी समुदाय के आंदोलन में सोमवार को एक भारतीय की मौत हो गई थी. नेपाल के दक्षिण में स्थित सीमावर्ती शहर बीरगंज में मधेसी प्रदर्शनकारियों और नेपाल पुलिस के बीच झड़प हो गई. नेपाली पुलिस की फायरिंग में बिहार के रक्सौल का रहने वाला एक भारतीय मारा गया था.
भारतीय की मौत के कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री ओली ने काठमांडू में एक कार्यक्रम में भारत की नेपाल नीति, खासकर नया संविधान लागू होने के बाद की नीति की आलोचना की.
ओली ने आरोप लगाया कि भारत, मधेसी दलों को 1751 किलोमीटर लंबी भारत-नेपाल की खुली सीमा पर नाकेबंदी के लिए उकसा रहा है.
ओली ने कहा, 'आखिर भारत क्यों चार मधेसी दलों के ही पीछे खड़ा नजर आ रहा है?' उन्होंने कहा कि यह नेपाल सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने देश के सभी समुदायों की बातों को सुने और उनकी शिकायतों को दूर करे.
उन्होंने कहा कि नए संविधान को संविधान सभा के 96 फीसदी सांसदों का समर्थन हासिल हुआ है और 'यह किसी देश के खिलाफ नहीं है.'
बीरगंज में भारतीय की मौत के बाद मधेसी राजनैतिक दलों ने कहा कि वे काठमांडू में सरकार के साथ वार्ता नहीं करेंगे. इन दलों ने एक बयान में कहा है कि नए हालात में सरकार के साथ बातचीत का कोई नतीजा निकलने वाला नहीं है.
सीमा पर मधेसियों की नाकेबंदी की वजह से नेपाल में रोजमर्रा की चीजों तक का भारी संकट पैदा हो गया है.
इस बीच नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की नेता और मंत्री रेखा शर्मा ने मधेसी दलों से भारतीय की मौत के मामले में भावनाओं को भड़काने से बचने को कहा है. उन्होंने कहा कि इससे सिर्फ बातचीत के लिए सकारात्मक माहौल पर असर पड़ेगा.
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