कोहली के विश्वास पर खरा उतरने को बेताब हैं आरोन.............online updates by police prahari news

नई दिल्ली: भारत के तेज गेंदबाज वरूण आरोन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आगामी चार टेस्ट की श्रृंखला में अपनी गेंदबाजी में तेजी के साथ अनुशासन भी लाकर कप्तान विराट कोहली के भरोसे पर खरा उतरना चाहते हैं.

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अक्तूबर 2011 में अंतरराष्ट्रीय पदार्पण के बाद से करियर में उतार चढ़ाव का सामना करने वाले आरोन को यह स्वीकार करने में कोई परेशानी नहीं है कि समय आ गया है कि वे लगातार अच्छा प्रदर्शन करें.

मोहाली में गुरूवार से शुरू हो रहे पहले टेस्ट से पूर्व आरोन ने कहा, ‘‘मैं दक्षिण अफ्रीका श्रृंखला को लेकर काफी उत्सुक हूं. मैंने श्रीलंका में सिर्फ एक टेस्ट खेला था और यह काफी अच्छा मैच नहीं रहा. मैं उस मैच में सिर्फ दो विकेट हासिल कर पाया. मैं पिछले कुछ समय से अच्छी गेंदबाजी(रणजी ट्राफी में) कर रहा हूं और बांग्लादेश ए के खिलाफ मैंने अच्छा प्रदर्शन किया. अब समय आ गया है कि मैं सुधार करूं.’’

झारखंड का यह तेज गेंदबाज अब तक एकदिवसीय मैचों के लिए चयनकर्ताओं को प्रभावित नहीं कर पाया है लेकिन पिछली चार श्रृंखला से टेस्ट टीम का हिस्सा है. एक मैच के प्रतिबंध के कारण इशांत शर्मा मोहाली में पहले टेस्ट में नहीं खेल पाएंगे और ऐसे में आरोन को अंतिम एकादश में मौका मिल सकता है.

वैसे भी आरोन को कोहली का समर्थन हासिल है जो लाइन और लेंथ से गेंदबाजी करने वाले गेंदबाजों की तुलना में उनकी अतिरिक्त गति को अधिक प्राथमिकता देते हैं.
 आरोन ने कहा, ‘‘कप्तान का समर्थन मिलना हमेशा शानदार होता है. लेकिन ऐसा सिर्फ मेरे साथ नहीं है, विराट को टीम में शामिल प्रत्येक सदस्य पर भरोसा है. जब कप्तान आपका समर्थन करता है तो हमेशा अच्छा महसूस होता है और उम्मीद करता हूं कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनके भरोसे पर खरा उतर पाउंगा.’’

हाशिम अमला और एबी डिविलियर्स जैसे बल्लेबाजों को गेंदबाजी करना चुनौती होगी लेकिन आरोन इसकी जगह अपनी तैयारी पर ध्यान लगा रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो मैं किसी विशेष चीज पर काम नहीं कर रहा. मैं किसे गेंदबाजी कर रहा हूं इस पर ध्यान लगाने की जगह मैं बेसिक सही रखने पर ध्यान लगा रहा हूं. जो मेरे नियंत्रण में हैं अगर मैं उसे सही कर पाया तो मुझे पता है कि मैं टीम के लिए योगदान दे पाउंगा. प्रदर्शन में निरंतरता अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में महत्वपूर्ण है और मैं लगातार इसी पर काम कर रहा हूं.’’

प्रदर्शन में निरंतरता की कमी और बार बार उभरने वाली पीठ की तकलीफ के कारण ही आरोन चार साल में अब तक सिर्फ सात टेस्ट और नौ वनडे ही खेल पाए हैं. अब हालांकि ऐसा लगता है कि वे फिटनेस की चुनौती से पार पाने में सफल रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘हां, मैं चोट मुक्त रहने में सफल रहा हूं. सबसे पहले तो यह आयु के कारण है. मेरी हड्डियां अब अधिक परिपक्व हो गई हैं और यही कारण है कि अब मुझे स्ट्रैस फ्रेक्चर नहीं होता. मैंने हमेशा कड़ी ट्रेनिंग की है और अब भी करता हूं लेकिन अब अंतर यह है कि मैं अपने शरीर को अधिक आराम दे सकता हूं. इससे मुझे काफी मदद मिली है.’’
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