नई दिल्ली: हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह चुके टीम इंडिया के विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने संन्यास के बाद चयनकर्ताओं पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उन्हें ताउम्र ये मलाल रहेगा कि वो मैदान पर खेलते हुए विदा नहीं हो पाए. जिसके बाद भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ताओं का जवाब सामने आया है.
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एक टीवी कार्यक्रम को इंटरव्यू देते हुए सहवाग ने कहा कि चयनकर्तां ने साल 2013 में उन्हें ड्रॉप करने से पहले बताया था. तब उन्होनें चयनकर्ताओं से दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टेस्ट खेलने की गुज़ारिश की थी. लेकिन बोर्ड ने उन्हें एक मैच खेलने का मौका नहीं दिया.
जिस पर सहवाग ने कहा कि उन्हें हमेशा इस चीज़ का मलाल रहेगा. हालांकि बाद में सहवाग ने ये भी कहा कि ये सब एक खिलाड़ी की ज़िंदगी का ही हिस्सा होता है.
सहवाग के इस बयान पर पूरी तरह से हैरानी जताते हुए एक मौजूदा चयनकर्ता ने एक अखबार को नाम ना बताने की बात कहते हुए बताया कि, ''यहवाग का ये कहना कि उन्हें बताया गया था कि वो ड्रॉप किए जा रहे थे या बोर्ड से टेस्ट खेलने की गुज़ारिश करना ये इस बात को साबित करता है कि सहवाग अपने करियर को 2013 में ही खत्म मान चुके थे.''
इस चयनकर्ता ने कहा कि बोर्ड के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं होता जो किसी खिलाड़ी को ये कह सके कि उसे आगे चुना नहीं जाएगा. ये सब उस खिलाड़ी के प्रदर्शन पर निर्भर करता है. कोई भी खिलाड़ी बड़ा स्कोर कर टीम में वापसी कर सकता है.
इस सलेक्टर ने ये भी कहा कि, ''एक ही टेस्ट क्यों सहवाग को कई मौके मिले. लेकिन सहवाग जैसे खिलाड़ी से ऐसी बातों की उम्मीद नहीं थी.''
सहवाग ने कार्यक्रम के दौरान कहा था कि क्या देश के लिए 12-13 साल खेलने वाले किसी भी खिलाड़ी को मैदान से रिटायरमेंट नहीं मिलना चाहिए.
आपको एक दिलचस्प पहलूं और बता दें आज ही के दिन यानी 3 नवंबर 2001 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था. जिसमें उन्होनें बेहतरीन 105 रन बनाए थे.
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