नवरात्रि में उपवास का सही तरीका बनाएगा सेहतमंद.......latest news update by police prahari news




























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नई दिल्ली : नवरात्रि के दौरान नौ दिन व्रत रखना आपकी सेहत के लिए असल मायने में फायदेमंद साबित हो सकता है. विशेषज्ञों का सुझाव है कि इसके लिए संतुलित आहार क्या है और उसे कब खाया जाए, यह जानना बेहद जरूरी है.

अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अनूप धीर जोर देते हैं कि व्रतधारियों को तला-भुना या तैलीय खाना नहीं खाना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ेगी और परिणामस्वरूप चर्बी बढ़ेगी.

डॉ. धीर ने आईएएनएस को बताया, "नवरात्रि के दौरान कुट्टू के आटा का उपभोग सबसे आम है, जिसमें बहुत ज्यादा कैलोरी होती है. नवरात्रि के दौरान आलू को भी एक मुख्य सब्जी के रूप में देखा जाता है और इसे खाने का मतलब उच्च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट की खपत है. लोगों को इन्हें कम से कम मात्रा में खाना चाहिए."

विशेषज्ञों के अनुसार, व्रत या उपवास उसी सूरत में ठीक हैं, जब उन्हें कुछ सावधानियों के साथ किया जाए.

राजधानी दिल्ली के 'हेल्थ केयर एट होम इंडिया' की वरिष्ठ पोषण विशेषज्ञ कनिका मल्होत्रा ने आईएएनएस को बताया, "नियमित अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा खाना, तरल या पेय चीजें लेते रहना और जरूरत से ज्यादा न खाना उपवास को स्वास्थ्यकर बनाने के मुख्य उपाय हैं."

अगर लोग यही तरीके से व्रत रखें तो यह पूरी सेहत के लिए कमाल के साबित हो सकते हैं.

सेलिब्रिटी शेफ इज्जत हुसैन के अनुसार, व्रत के दौरान तले और प्रसंस्कृत उत्पादों से बचना चाहिए और ताजा फलों व जूस का सेवन करना चाहिए.

इज्जत ने कहा, "रमजान के दौरान हम यही करते हैं. हम शाम तक रोजा रखते हैं और शरीर को उर्जावान बनाए रखने के लिए सिर्फ पौष्टिक खाना और फल खाते हैं."

उन्होंने कहा, "उपवास अगर सही तरीके से किया जाए, तो यह अतिरिक्त चर्बी घटाने में एक कारगर व प्रभावी तरीका हो सकता है."

कनिका ने कहा, "व्रत रखने से हमारे पाचनतंत्र को आराम मिल सकता है, लेकिन व्रत को वजन घटाने का शॉर्टकट नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि भूखे रहने से शरीर का चयापचय (मेटाबलिज्म) पर बुरा असर पड़ सकता है."

नवरात्रि के दौरान कुछ व्रतधारी निर्जला उपवास भी रखते हैं.

साउथेंड फर्टिलिटी एंड आईवीएफ सेंटर की निदेशक सोनिया मलिक ने सलाह देते हुए कहा, "गर्भवती महिलाओं को कभी भी लंबी अवधि के लिए उपवास नहीं रखना चाहिए, क्योंकि भ्रूण के विकास के लिए उनके शरीर को ढेर सारे पोषक तत्वों की जरूरत होती है."

व्रतधारी दही, घर में बना पनीर, मूंगफली, ताजा सब्जियों व फलों का जूस ले सकते हैं.

सोनिया ने कहा, "पेय में वे लस्सी, नारियल पानी, घर में बने सूप, नींबू पानी और ग्रीन टी का चयन कर सकते हैं."
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