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नई दिल्ली/पटना: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कल पश्चिमी चंपारण के रामनगर से चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे. इस रैली को समता समरसता रैली का नाम दिया गया है. इस रैली में आने के लिए आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी न्योता दिया गया था. लेकिन दोनों नेता राहुल की इस रैली में शामिल नहीं होंगे.
लालू की ओर से उनके बेटे तेजस्वी यादव शामिल होंगे. जबकि नीतीश का प्रतिनिधित्व जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी करेंगे. लालू यादव को रैली का न्योता देने खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी गए थे. पहले नीतीश के शामिल होने की खबर थी, लेकिन रैली से दो दिन पहले नीतीश ने प्लान बदल दिया. सूत्रों के मुताबिक टिकट बंटवारे को लेकर उठे विवाद की वजह से नीतीश ने रामनगर जाने का प्लान बदल दिया है. कल ही जेडीयू-आरजेडी और कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट जारी हो सकती है.
रामनगर चीनी मिल परिसर में राहुल गांधी सुबह 11 बजे सभा को संबोधित करने वाले हैं. हवाई जहाज से पटना पहुंचने के बाद राहुल हेलिकॉप्टर से रामनगर जाएंगे. रामनगर सुरक्षित सीट है. इस सीट पर अभी बीजेपी का कब्जा है. 2010 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार दूसरे नंबर पर था. एनसीपी तीसरे और लालू की पार्टी चौथे नंबर पर थी. लोकसभा चुनाव में भी पिछले साल इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहा था. माना जा रहा है महागठबंधन में ये सीट कांग्रेस के खाते में जा सकती है.
सूत्रों के मुताबिक लालू के रामनगर नहीं जाने को लेकर कई तरह बातें चर्चा में है. सबसे ज्यादा जिस बात को हवा मिल रही है वो ये है कि राहुल गांधी की वजह से लालू यादव चुनाव लड़ने के काबिल नहीं रह गए है. यूपीए सरकार एक ऐसा अध्यादेश लाने जा रही थी जिसके बाद भ्रष्टाचार के केस में सजा पाए शख्स के चुनाव लड़ने पर रोक नहीं रहती. लेकिन राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अध्यदेश फाड़ डाला था.
जिसके बाद कहा गया कि मदद की बदनामी से बचने के लिए ही राहुल गांधी ने अध्यादेश फाड़ा है. लालू यादव चारा घोटाले में सजा पा चुके हैं. और सजा पा चुका शख्स चुनाव नहीं लड़ सकता. माना जा रहा है कि राहुल से लालू की दूरी की ये भी एक वजह है.
एक दूसरी वजह भी चर्चा में है. कहा जा रहा है कि लालू-नीतीश ने कांग्रेस के सामने अपने दस उम्मीदवारों को कांग्रेस के सिंबल पर लड़ाने का प्रस्ताव रखा है. कांग्रेस इसके लिए आनाकानी कर रही है. कांग्रेस का एक खेमा इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं है. सूत्र बता रहे हैं कि नीतीश ने दबाव बनाने के लिए ही दौरा रद्द किया है. बिहार में लालू-नीतीश गठबंधन के साथ कांग्रेस 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. अभी बिहार विधानसभा में कांग्रेस के पास 5 विधायक हैं.
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