बिहार: जाति के आधार पर महागठबंधन ने बांटे टिकट, 64 यादव उम्मीदवारों को उतारा.......latest news update by police prahari news


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नई दिल्ली: आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस महागठबंधन ने बिहार में 242 उम्मीदवारी की लिस्ट जारी की है. जेडीयू औऱ आऱजेडी ने सभी 101-101 उम्मीदवार घोषित किए है.


आरजेडी ने लालू यादव के दोनों बेटों को टिकट दिया है. लालू का बड़ा बेटा तेज प्रताप महुआ से और छोटा बेटा तेजस्वी राघोपुर से चुनाव लड़ेगा.

आरजेडी-जेडीयू की लिस्ट में यादव उम्मीदवारों की बहुतायत है. लालू ने 48 यादवों और जेडीयू ने 14 यादव उम्मीदवार उतारे हैं. बिहार के मखदूमपुर से जीतन राम मांझी के खिलाफ लालू ने सूबेदार दास को मैदान में उतारा है. बिहार की जमुई विधानसभा सीट से आरजेडी ने सांसद जय प्रकाश यादव के भाई विजय प्रकाश को टिकट दिया है.





जेडीयू ने लालगंज से बाहुबली मुन्ना शुक्ला को मैदान में उतारा है. जेडीयू और कांग्रेस की लिस्ट में सवर्ण उम्मीदवारों का ध्यान रखा गया है.

लालू-नीतीश कांग्रेस ने टिकट बांट दिए हैं. 243 में से 242 नामों का एलान किया गया है. टिकट बंटवारे में जाति का पूरा ख्याल रखा है, सवाल ये है कि जाति की राजनीति से कब ऊपर उठेगा बिहार?

बिहार में जाति की राजनीति करने का आरोप लगाकर नीतीश कुमार ने बीजेपी पर निशाना साधा, लेकिन खुद जातीय आधार पर ही उम्मीदवारों का एलान किया.

एनडीए ने सबसे ज्यादा 85 सवर्णों को टिकट दिया. तो महागठबंधन ने अपने आधार वोट माने जाने वाले 64 यादवों को उतारा है. यादव वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए एनडीए ने 26 यादवों को टिकट दिया है. बीजेपी के वोट में सेंध लगाने के लिए महागठबंधन ने 39 सवर्ण उम्मीदवार उतारे हैं. दलित- महादलित वोट बैंक पर दोनों गठबंधन की नजर है. एनडीए ने जहां 34 टिकट दिये वहीं महागठबंधन ने 38 उम्मीदवार उतारे हैं.

लालू की पार्टी ने सबसे ज्यादा 48 यादवों को टिकट दिया तो नीतीश ने लव-कुश कार्ड खेलते हुए 30 कोइरी-कुर्मी उम्मीदवार उतारे हैं. कहने के लिए दोनों गठबंधन के नेता विकास की बात कर रहे हैं लेकिन तमाम लोग टिकट जाति के आधार पर ही बांट रहे हैं.

बीजेपी कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा
बीजेपी दफ्तर में कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की है. हंगामा हुआ है. सुबह से ही धरना प्रदर्शन हो रहा था. अब लोगों ने दफ्तर में तोड़फोड़ की है. दफ्तर में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. बीजेपी अब तक 153 उम्मीदवारों के नाम का एलान कर चुकी है.

नीतीश कुमार ने RSS पर साधा निशाना
आज नीतीश कुमार ने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करने के मौके पर बीजेपी पर जम कर हमला बोला, नीतीश ने आरोप लगाया कि वह ‘आरक्षण विरोधी’ है और उसे आरएसएस के विचार का अनुसरण करना ही है, जो कि उसके लिए ‘सुप्रीम कोर्ट के समान’ है. कुमार ने महागठबंधन में शामिल जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के उम्मीदवारों की संयुक्त सूची जारी करते हुए कहा कि यह समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करती है जिसमें 16 फीसदी सामान्य श्रेणी के, 55 फीसदी पिछड़ा वर्ग से, 15 फीसदी अनुसूचित जाति..जनजाति से और 14 फीसदी अल्पसंख्यक समुदाय से हैं.

कुमार ने दावा किया कि उनका गठबंधन पूरी तरह से एकजुट है और राजग की तरह इसमें कोई मतभेद नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता बीजेपी को मुहंतोड़ जवाब देगी क्योंकि जनता उसकी ‘विभाजनकारी’ राजनीति को देख रही है. बीजेपी और संघ पर कड़ा निशाना साधते हुए नीतीश ने उनपर आरक्षण के खिलाफ होने का आरोप लगाया और कहा कि संघ आरक्षण की समीक्षा के लिए एक संविधानेतर इकाई गठित करने की मांग कर रहा है.

उन्होंने आरएसएस के मुखपत्र ‘पांच्जन्य’ और ‘आर्गनाइजर’ में छपे संघ प्रमुख के साक्षात्कार के कुछ हिस्सों को पढते हुए कहा, ‘यह स्पष्ट है कि वह (भागवत) यह महसूस करते हैं कि आरक्षण की मौजूदा नीति सही नहीं है और वह कुछ अन्य व्यवस्था चाहते हैं.’

नीतीश कुमार ने कहा, ‘संविधान में कोई भी संशोधन संसद में ही हो सकता है. वे संविधान से अलग किसी को चाहते हैं, एक संविधानेतर आथरिटी, जो इस बात को देखे कि किसे आरक्षण मिलना चाहिए और कब तक.’ उन्होंने कहा, ‘ये संविधान के या संसद के तहत नहीं बल्कि एक सभ्रांत समिति के हाथ में. यह बहुत ही खतरनाक विचार है. इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.’ आरक्षण पर बीजेपी के रवैये पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल चाहें जो भी कहे ,वह संघ के विचारों के विपरीत नहीं जा सकता है.

243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के लिए 12 अक्तूबर से पांच नवम्बर के बीच पांच चरणों में चुनाव होने वाले हैं. 12 अक्तूबर को होने वाले पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का आज अंतिम दिन है.

यहां पढें महागठबंधन के उम्मीदवारों की पूरी लिस्ट









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