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दुनिया के सबसे बड़े रिफाइनिंग कांप्लेक्स का संचालन करने वाली कंपनी ने दूसरी तिमाही के नतीजों पर इंवेस्टर प्रजेंटेशन में इसका एलान किया। देश में एलपीजी की खपत सालाना 10 फीसद के हिसाब से बढ़ रही है। ऐसे में आरआईएल और एस्सार ऑयल जैसी निजी रिफाइनिंग कंपनियां भी मौके का फायदा उठाने की कोशिश में हैं।
रिटेल एलपीजी बाजार पर अभी सरकारी कंपनियों- इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम का कब्जा है। ये कंपनियां पांच किलो, 14.2 किलो, 19 किलो के एलपीजी सिलेंडर बेच रही हैं। हर साल 14.2 किलो के 12 सिलेंडर या पांच किलो वाले 34 सिलेंडर सब्सिडी वाली दरों पर बेचे जाते हैं। इसके ऊपर बाजार मूल्य पर बिक्री होती है। 19 किलो के सिलेंडर वाणिज्यिक उपयोग के लिए हैं।
निजी कंपनियां सरकारी सब्सिडी की हकदार नहीं हैं। उन्हें बाजार मूल्य पर ईंधन बेचना होगा। लेकिन सरकार जैसे सब्सिडी घटाने की दिशा में आगे बढ़ रही है और उसने सालाना 10 लाख से ज्यादा की आय वाले ग्राहकों को सब्सिडीयुक्त सिलेंडर लेने से रोका है, उससे निजी कंपनियों के लिए बना बनाया मार्केट उपलब्ध है।
आरआईएल ने प्रजेंटेशन में बताया कि ग्राहकों को बेहतर अनुभव देने के लिए कंपनी ने मोबाइल ऐप भी तैयार किया है। कंपनी के ज्यादातर एलपीजी को गुजरात के जामनगर स्थित दो रिफाइनरी से ही बिक्री के लिए भेजा जाएगा। फिलहाल कंपनी ने यह नहीं बताया है कि वह चार किलो के सिलेंडर की मार्केटिंग कितने में कर रही है।
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जियो के जरिये टेलीकॉम क्षेत्र में तूफान मचाने के बाद अब मुकेश अंबानी के
नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज रसोई गैस सिलेंडर के कारोबार में भी उतर
आई है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत कंपनी ने चार किलो वाले एलपीजी गैस सिलेंडर
लांच किए हैं। इन्हें चार जिलों में बांटा जा रहा है।
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दुनिया के सबसे बड़े रिफाइनिंग कांप्लेक्स का संचालन करने वाली कंपनी ने दूसरी तिमाही के नतीजों पर इंवेस्टर प्रजेंटेशन में इसका एलान किया। देश में एलपीजी की खपत सालाना 10 फीसद के हिसाब से बढ़ रही है। ऐसे में आरआईएल और एस्सार ऑयल जैसी निजी रिफाइनिंग कंपनियां भी मौके का फायदा उठाने की कोशिश में हैं।
रिटेल एलपीजी बाजार पर अभी सरकारी कंपनियों- इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम का कब्जा है। ये कंपनियां पांच किलो, 14.2 किलो, 19 किलो के एलपीजी सिलेंडर बेच रही हैं। हर साल 14.2 किलो के 12 सिलेंडर या पांच किलो वाले 34 सिलेंडर सब्सिडी वाली दरों पर बेचे जाते हैं। इसके ऊपर बाजार मूल्य पर बिक्री होती है। 19 किलो के सिलेंडर वाणिज्यिक उपयोग के लिए हैं।
निजी कंपनियां सरकारी सब्सिडी की हकदार नहीं हैं। उन्हें बाजार मूल्य पर ईंधन बेचना होगा। लेकिन सरकार जैसे सब्सिडी घटाने की दिशा में आगे बढ़ रही है और उसने सालाना 10 लाख से ज्यादा की आय वाले ग्राहकों को सब्सिडीयुक्त सिलेंडर लेने से रोका है, उससे निजी कंपनियों के लिए बना बनाया मार्केट उपलब्ध है।
आरआईएल ने प्रजेंटेशन में बताया कि ग्राहकों को बेहतर अनुभव देने के लिए कंपनी ने मोबाइल ऐप भी तैयार किया है। कंपनी के ज्यादातर एलपीजी को गुजरात के जामनगर स्थित दो रिफाइनरी से ही बिक्री के लिए भेजा जाएगा। फिलहाल कंपनी ने यह नहीं बताया है कि वह चार किलो के सिलेंडर की मार्केटिंग कितने में कर रही है।
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