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कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के आक्रामक तेवरों के बाद अब भारत ने भी
उसे इंटरनेश्नल लेवल पर घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। सूत्रों के
मुताबिक इस साल अक्टूबर में गोवा में होने वाले BRICS समिट के रीजनल आउटरीच
प्रोग्राम में पाकिस्तान को नहीं बुलाया जाएगा। बलूचिस्तान पर पीएम
नरेंद्र मोदी के बयान और POK-सिंध में आजादी की मांग के बाद पाक के लिए ये
बड़ा झटका साबित होने वाला है।
SAARC देशों की जगह BIMSTEC आएंगे
बता दें कि भारत पूरी तैयारी में है कि वो आतंकवाद का मुद्दा अगले हफ्ते होने वाली G20 समिट में मजबूती से उठाएगा। इसके अलावा पाकिस्तान को वेनेजुएला में होने वाली NAM समिट और UNGA की बैठक में भी आतंकवाद पर घेरने की पूरी कोशिश की जाएगी। गौरतलब है कि ब्रिक्स समिट जिस भी देश में आयोजित की जाती है वहां उसके आउटरीच प्रोग्राम के तहत पड़ोसी देशों को भी बुलाया जाता है। साल 2014 में ब्राजील में जब ये मीटिंग हुई थी तब सभी लैटिन अमेरिकी देशों को बुलाया गया था इसके अलावा रूस ने भी लगभग सभी सेंट्रल एशियन देशों को इसमें हिस्सा लेने के लिए न्योता दिया था। मोदी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ एक अहम् फैसला लेते हुए BRICS में SAARC देशों की जगह BIMSTEC देशों को बुलाने का निर्णय लिया है।
मोदी नाराज़ हैं पाकिस्तान से
बता दें कि कश्मीर मुद्दे पर नवाज़ शरीफ के आक्रामक रुख से अब मोदी भी खफा नज़र आ रहे हैं और उन्होंने इसका जवाब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ही देने का फैसला किया है। भारत के सामने बस एक मुश्किल है कि उसके मित्र देशों में से एक अफगानिस्तान और मालदीव भी BIMSTEC का हिस्सा नहीं हैं। ऐसे में सरकार ने उन्हें स्पेशल गेस्ट या ऑब्जर्वर बनाकर बुलाने का दांव खेला है। जानकारों का मनना है कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों के जरिए ये संदेश देना चाहता है कि दक्षिण एशिया में आतंकवाद जैसी दिक्कतों की जड़ें पाकिस्तान ही है। गौरतलब है कि SAARC समिट इस बार 9-10 नवंबर को इस्लामाबाद में होने जा रही है। ऐसे में BRICS के जरिये भारत इस समिट का एजेंडा भी सेट करने की पूरी कोशिश करेगा।
SAARC देशों की जगह BIMSTEC आएंगे
बता दें कि भारत पूरी तैयारी में है कि वो आतंकवाद का मुद्दा अगले हफ्ते होने वाली G20 समिट में मजबूती से उठाएगा। इसके अलावा पाकिस्तान को वेनेजुएला में होने वाली NAM समिट और UNGA की बैठक में भी आतंकवाद पर घेरने की पूरी कोशिश की जाएगी। गौरतलब है कि ब्रिक्स समिट जिस भी देश में आयोजित की जाती है वहां उसके आउटरीच प्रोग्राम के तहत पड़ोसी देशों को भी बुलाया जाता है। साल 2014 में ब्राजील में जब ये मीटिंग हुई थी तब सभी लैटिन अमेरिकी देशों को बुलाया गया था इसके अलावा रूस ने भी लगभग सभी सेंट्रल एशियन देशों को इसमें हिस्सा लेने के लिए न्योता दिया था। मोदी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ एक अहम् फैसला लेते हुए BRICS में SAARC देशों की जगह BIMSTEC देशों को बुलाने का निर्णय लिया है।
मोदी नाराज़ हैं पाकिस्तान से
बता दें कि कश्मीर मुद्दे पर नवाज़ शरीफ के आक्रामक रुख से अब मोदी भी खफा नज़र आ रहे हैं और उन्होंने इसका जवाब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ही देने का फैसला किया है। भारत के सामने बस एक मुश्किल है कि उसके मित्र देशों में से एक अफगानिस्तान और मालदीव भी BIMSTEC का हिस्सा नहीं हैं। ऐसे में सरकार ने उन्हें स्पेशल गेस्ट या ऑब्जर्वर बनाकर बुलाने का दांव खेला है। जानकारों का मनना है कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों के जरिए ये संदेश देना चाहता है कि दक्षिण एशिया में आतंकवाद जैसी दिक्कतों की जड़ें पाकिस्तान ही है। गौरतलब है कि SAARC समिट इस बार 9-10 नवंबर को इस्लामाबाद में होने जा रही है। ऐसे में BRICS के जरिये भारत इस समिट का एजेंडा भी सेट करने की पूरी कोशिश करेगा।
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