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नई दिल्ली/जम्मू:
जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केन्द्रीय नेतृत्व को
कश्मीरियों के ‘जख्मों पर मरहम लगाने’ के लिए पाकिस्तान के मुकाबले ‘ज्यादा
कदम’ उठाने होंगे। उन्होंने आशा जतायी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने
जनादेश का उपयोग कश्मीर के बच्चों का जीवन और भविष्य बचाने के लिए करेंगे।
फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट के भवन का
उद्घाटन करते हुए महबूबा ने कहा, ‘मैं हाल ही में प्रधानमंत्री से मिली थी।
मुझे पूरा विश्वास है कि उनके पास जो जनादेश और शक्ति है, वह
(प्रधानमंत्री) उस ताकत का प्रयोग कश्मीर के बच्चों का जीवन और भविष्य
बचाने के लिए करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘संभवत: हमें अपने पड़ोसी देश
(पाकिस्तान) के मुकाबले एक या ज्यादा कदम उठाने होंगे, क्योंकि
जम्मू-कश्मीर हमारा राज्य है और हमें लोगों के घाव पर मरहम लगाना है।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के
लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए ना सिर्फ प्रधानमंत्री या राजग सरकार
बल्कि देश के पूरे नेतृत्व, कांग्रेस, माकपा, जदयू इत्यादि को आगे आना
चाहिए और शांति स्थापना के कदमों का समर्थन करना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि
अटल बिहार वाजपेयी के नक्शे कदम पर जम्मू-कश्मीर और आसपास के क्षेत्रों में
समस्याओं के समाधान के लिए कठिन फैसले लेने का जनादेश मोदी के पासहै।
वार्ता के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने
का अनुरोध करते हुए महबूबा ने कहा, ‘हमें सुनिश्चित करना होगा कि वार्ता,
मेल-मिलाप और समाधान के लिए विश्वसनीय प्रणाली लागू की जाए और यह 2008 तथा
2010 में फैली अशांति की स्थिति के बाद आधे मन से किए गए प्रयासों जैसा ना
हो।’
महबूबा ने बताया, ‘हम राज्य में मुश्किल
स्थिति का सामना कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि हम इस स्थिति से बाहर
आएंगे। हम खुदा से दुआ करेंगे कि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा ना हो।’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं खुश हूं कि जम्मू के लोगों ने शांति और
सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखा है।’
उन्होंने स्वीकार किया कि ‘कश्मीर में
स्थिति खराब है. वहां पर हिंसा और रक्तपात है। लेकिन, जम्मू के लोगों ने
सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारा बनाए रखा है।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि जो
चाहते हैं कि कश्मीर समस्या का सामधान किया जाना है उन्हें समझना चाहिए कि
हिंसा के जरिए सामाधान नहीं ढूंढा जा सकता है।
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