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लखनऊ: प्रदेश सरकार भले ही केंद्र पर वित्तीय संसाधनों की कटौती करने की तोहमत लगाए। लेकिन सरकारी खजाने को उड़ाने में मंत्री भी पीछे नहीं रहें है। अखिलेश सरकार के मंत्रियों ने मार्च 2012 से मार्च 2016 तक पॉकेट मनी में आठ करोड़ 78 लाख 12 हजार 474 रुपये खर्च कर डाले।
शिवपाल यादव का खर्च शून्य
बीजेपी विधानमंडल दल नेतासुरेश खन्ना के सवाल पर सरकार की ओर से मंत्रियों द्वारा पॉकेट मनी खर्च करने का ब्योरा दिया गया है। इसमें केवल शिवपाल यादव ही एकमात्र ऐसे मंत्री हैं जिनका खर्च शून्य दर्शाया गया है।
अरुण कुमारी ने खर्चे सबसे ज्यादा रुपए
खर्च करने में अव्वल संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमारी कोरी हैं। इन्होंने 22 लाख, 93 हजार 800 रुपये खर्च कर डाले। संसदीय कार्य मंत्री आजम खां भी पीछे नहीं रहे, उन्होंने 22 लाख, 86 हजार 620 रुपये व्यय किए।
इन मंत्रियों ने भी कम नहीं उड़ाए पैसे
कैलाश चौरसिया तीसरे स्थान 22 लाख 85 हजार 900 रुपये व चौथे पायदान पर शिवकुमार बेरिया (पूर्व मंत्री) रहे। बेरिया ने मंत्री रहते 21 लाख 93 हजार रुपये खर्च किए थे। ग्राम्य विकास मंत्री अरविंद कुमार सिंह ने भी खर्च करने में हाथ खुला रखा और 21 लाख, 87 हजार, 900 रुपये की रकम उड़ा दी।
भूमि विकास व जल संसाधन राज्य मंत्री जगदीश सोनकर और खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री रामकरन आर्य ने भी पॉकेट मनी के इस्तेमाल में जरा भी तंगदिली नहीं दिखायी। सोनकर ने 21लाख 53 हजार रुपये और रामकरन ने 21 लाख, आठ हजार रुपये व्यय किए है।
लाखों में है सबका खर्च
श्रम मंत्री शाहिद मंजूर ने 21 लाख 25 हजार 400 रुपये खर्च कर दिए। पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह व खाद्य रसद मंत्री कमाल अख्तर, दुग्ध विकास मंत्री राममूर्ति वर्मा व प्राविधिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) फरीद अहमद किदवई का जेब खर्च भी कम नहीं रहा। ओमप्रकाश सिंह ने 20 लाख 51 हजार 200 रुपये, कमाल अख्तर ने 20 लाख 58 हजार 200, राममृर्ति वर्मा ने 20 लाख 34 हजार 600 रुपये खर्च किए।
व्यावसायिक शिक्षा व कौशल विकास राज्यमंत्री प्रो.अभिषेक मिश्र ने 18 लाख 94 हजार 103 रुपये, कृषि मंत्री विनोद सिंह (पंडित सिंह) ने 19 लाख 74 हजार 955, परिवहन राज्यमंत्री मानपाल सिंह ने 18 लाख 86 हजार 600 और खेल व युवा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रामसकल गुर्जर ने 18 लाख 35 हजार 423 रुपये खर्च किए।
आजम खां ने खर्च किए 22 लाख 93 हजार 800 रुपए
वहीं यूपी के सबसे मशहूर मंत्री आजम खां ने 22 लाख 93 हजार 800 रुपए खर्च किए हैं। अरुण कुमारी कोरी ने 22 लाख 93 हजार 800, कैलाश चौरसिया ने 22 लाख 85 हजार 900 और शिव कुमार बेरिया (पूर्व मंत्री) ने 21 लाख 93 हजार 900 रुपए खर्च किए।
पूर्व मंत्री कामेश्वर उपाध्याय ने 67 हजार 400 रुपये खर्च किए। मंत्रियों में महिला कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सैय्यदा शादाब फातिमा भी शामिल हैं। उन्होंने 72 हजार 500 रुपये ही खर्च किए।
बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन ने 3 लाख 80 हजार 774 रुपये, राजनीतिक पेंशन मंत्री राजेंद्र चौधरी ने 2 लाख 63 हजार 400 रुपये, पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री साहब सिंह ने 1 लाख 81 हजार समाज कल्याण राज्यमंत्री बंशीधर बौद्ध ने 1 लाख 92 हजार 500 रुपये खर्च किए हैं। स्टाम्प व पंजीयन मंत्री रघुराज प्रताप सिंह ने सिर्फ 7 लाख 50 हजार 300 रुपये ही खर्च किए।
2500-3000 रुपये मिलती है रोजाना पॉकेट मनी
मुख्यमंत्री ने अपने लिखित जवाब में बताया है कि मंत्रियों को प्रदेश के भीतर दौरे पर फुटकर खर्च के लिए 2500 रुपये प्रतिदिन पॉकेट मनी मिलती है जबकि प्रदेश के बाहर दौरा करने पर 3000 रुपये प्रतिदिन पॉकेट मनी मिलती है। यह राशि कैबिनेट मंत्री से लेकर राज्यमंत्री तक को मिलती है।
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लखनऊ: प्रदेश सरकार भले ही केंद्र पर वित्तीय संसाधनों की कटौती करने की तोहमत लगाए। लेकिन सरकारी खजाने को उड़ाने में मंत्री भी पीछे नहीं रहें है। अखिलेश सरकार के मंत्रियों ने मार्च 2012 से मार्च 2016 तक पॉकेट मनी में आठ करोड़ 78 लाख 12 हजार 474 रुपये खर्च कर डाले।
शिवपाल यादव का खर्च शून्य
बीजेपी विधानमंडल दल नेतासुरेश खन्ना के सवाल पर सरकार की ओर से मंत्रियों द्वारा पॉकेट मनी खर्च करने का ब्योरा दिया गया है। इसमें केवल शिवपाल यादव ही एकमात्र ऐसे मंत्री हैं जिनका खर्च शून्य दर्शाया गया है।
अरुण कुमारी ने खर्चे सबसे ज्यादा रुपए
खर्च करने में अव्वल संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमारी कोरी हैं। इन्होंने 22 लाख, 93 हजार 800 रुपये खर्च कर डाले। संसदीय कार्य मंत्री आजम खां भी पीछे नहीं रहे, उन्होंने 22 लाख, 86 हजार 620 रुपये व्यय किए।
इन मंत्रियों ने भी कम नहीं उड़ाए पैसे
कैलाश चौरसिया तीसरे स्थान 22 लाख 85 हजार 900 रुपये व चौथे पायदान पर शिवकुमार बेरिया (पूर्व मंत्री) रहे। बेरिया ने मंत्री रहते 21 लाख 93 हजार रुपये खर्च किए थे। ग्राम्य विकास मंत्री अरविंद कुमार सिंह ने भी खर्च करने में हाथ खुला रखा और 21 लाख, 87 हजार, 900 रुपये की रकम उड़ा दी।
भूमि विकास व जल संसाधन राज्य मंत्री जगदीश सोनकर और खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री रामकरन आर्य ने भी पॉकेट मनी के इस्तेमाल में जरा भी तंगदिली नहीं दिखायी। सोनकर ने 21लाख 53 हजार रुपये और रामकरन ने 21 लाख, आठ हजार रुपये व्यय किए है।
लाखों में है सबका खर्च
श्रम मंत्री शाहिद मंजूर ने 21 लाख 25 हजार 400 रुपये खर्च कर दिए। पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह व खाद्य रसद मंत्री कमाल अख्तर, दुग्ध विकास मंत्री राममूर्ति वर्मा व प्राविधिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) फरीद अहमद किदवई का जेब खर्च भी कम नहीं रहा। ओमप्रकाश सिंह ने 20 लाख 51 हजार 200 रुपये, कमाल अख्तर ने 20 लाख 58 हजार 200, राममृर्ति वर्मा ने 20 लाख 34 हजार 600 रुपये खर्च किए।
व्यावसायिक शिक्षा व कौशल विकास राज्यमंत्री प्रो.अभिषेक मिश्र ने 18 लाख 94 हजार 103 रुपये, कृषि मंत्री विनोद सिंह (पंडित सिंह) ने 19 लाख 74 हजार 955, परिवहन राज्यमंत्री मानपाल सिंह ने 18 लाख 86 हजार 600 और खेल व युवा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रामसकल गुर्जर ने 18 लाख 35 हजार 423 रुपये खर्च किए।
आजम खां ने खर्च किए 22 लाख 93 हजार 800 रुपए
वहीं यूपी के सबसे मशहूर मंत्री आजम खां ने 22 लाख 93 हजार 800 रुपए खर्च किए हैं। अरुण कुमारी कोरी ने 22 लाख 93 हजार 800, कैलाश चौरसिया ने 22 लाख 85 हजार 900 और शिव कुमार बेरिया (पूर्व मंत्री) ने 21 लाख 93 हजार 900 रुपए खर्च किए।
पूर्व मंत्री कामेश्वर उपाध्याय ने 67 हजार 400 रुपये खर्च किए। मंत्रियों में महिला कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सैय्यदा शादाब फातिमा भी शामिल हैं। उन्होंने 72 हजार 500 रुपये ही खर्च किए।
बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन ने 3 लाख 80 हजार 774 रुपये, राजनीतिक पेंशन मंत्री राजेंद्र चौधरी ने 2 लाख 63 हजार 400 रुपये, पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री साहब सिंह ने 1 लाख 81 हजार समाज कल्याण राज्यमंत्री बंशीधर बौद्ध ने 1 लाख 92 हजार 500 रुपये खर्च किए हैं। स्टाम्प व पंजीयन मंत्री रघुराज प्रताप सिंह ने सिर्फ 7 लाख 50 हजार 300 रुपये ही खर्च किए।
2500-3000 रुपये मिलती है रोजाना पॉकेट मनी
मुख्यमंत्री ने अपने लिखित जवाब में बताया है कि मंत्रियों को प्रदेश के भीतर दौरे पर फुटकर खर्च के लिए 2500 रुपये प्रतिदिन पॉकेट मनी मिलती है जबकि प्रदेश के बाहर दौरा करने पर 3000 रुपये प्रतिदिन पॉकेट मनी मिलती है। यह राशि कैबिनेट मंत्री से लेकर राज्यमंत्री तक को मिलती है।
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