--
-- -Sponsor-
--
रोहित वेमूला मुद्दे को लेकर राज्यसभा में दूसरे दिन भी जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए सरकार की ओर से दूसरे दिन भी मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी को मोर्चे पर लगाया गया। स्मृति ने भी विपक्ष के आरोपों पर एक एक कर उसी तल्ख अंदाज में जवाब दिया।
-- -Sponsor-
--
रोहित वेमूला मुद्दे को लेकर राज्यसभा में दूसरे दिन भी जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए सरकार की ओर से दूसरे दिन भी मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी को मोर्चे पर लगाया गया। स्मृति ने भी विपक्ष के आरोपों पर एक एक कर उसी तल्ख अंदाज में जवाब दिया।
हालांकि इसी दौरान जेएनयू में मां दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध करने के मुद्दे पर बांटे गए पर्चों का ईरानी ने जिक्र किया तो विपक्ष एकसुर में इसके विरोध में खड़ा हो गया। जिसको लेकर देर तक हंगामा चलता रहा, इसके चलते राज्सभा की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के स्थगित कर दी गई।
चर्चा के दौरान स्मृति ने विपक्षी सांसदों को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह लगातार रोहित के मुद्दे पर उन्हें निशाना बनाने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ लोग तो उन्हें अनपढ़ मंत्री भी कहते हैं। लेकिन मैंने कभी नहीं कहा कि सीताराम येचुरी जी की तरह प्रखर वक्ता हूं। लेकिन क्या इससे मेरी योग्यता कम हो जाती है।
मैं सबसे कम उम्र में राज्यसभा सांसद बनी थी तब किसी ने मेरी डिग्रियों की बात नहीं की। रोहित मुद्दे पर बात करते हुए स्मृति ने रोहित की अंतिम फेसबुक पोस्ट को सदन में पढ़कर सुनाया। जिसमें वामपंथी नेता सीताराम येचुरी की आलोचना की थी।
ईरानी ने कहा मैं सावर्जनिक तौर पर नहीं कह सकती कि मैंने रोहित की मां से क्या बात की थी। एक अन्य सवाल के जवाब में स्मृति ने कहा दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कांग्रेस शासन के दौरान ही आरक्षण नीति को अपनाने से इंकार कर दिया था।
स्मृति ने देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में भगवाकरण की बात से इंकार करते हुए कहा कि हमने बहुत से ऐसे लोगों की भी नियुक्ति की है जो हमारा विरोध करते हैं। वहीं, जेएनयू की एक गतिविधि पर जिक्र करते हुए स्मृति ने महिषासुर के मां दुर्गा द्वारा वध करने के विरोध में जेएनयू छात्रों के कार्यक्रम का भी जिक्र किया।
उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को लेकर बकायदा पर्चे जेएनयू कैंपस में बटवाए गए, जिसका विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी संज्ञान लिया। हालांकि उनकी इस टिप्पणी का विपक्ष के नेता आनंद शर्मा ने विरोध किया।
उन्होंने कहा, इस तरह के आस्थावान मुद्दों का सदन में जिक्र करना जरूरी नहीं है इस तरह तो किसी और धर्म को लेकर भी टिप्पणी की जा सकती है। अन्य विपक्षी सांसदों ने भी उनके सुर में सुर मिलाते हुए इस टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से निकालने की मांग की। हंगामा बढ़ता देख उपसभापति ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
--
Sponsored Links:-
स्मृति ने देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में भगवाकरण की बात से इंकार करते हुए कहा कि हमने बहुत से ऐसे लोगों की भी नियुक्ति की है जो हमारा विरोध करते हैं। वहीं, जेएनयू की एक गतिविधि पर जिक्र करते हुए स्मृति ने महिषासुर के मां दुर्गा द्वारा वध करने के विरोध में जेएनयू छात्रों के कार्यक्रम का भी जिक्र किया।
उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को लेकर बकायदा पर्चे जेएनयू कैंपस में बटवाए गए, जिसका विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी संज्ञान लिया। हालांकि उनकी इस टिप्पणी का विपक्ष के नेता आनंद शर्मा ने विरोध किया।
उन्होंने कहा, इस तरह के आस्थावान मुद्दों का सदन में जिक्र करना जरूरी नहीं है इस तरह तो किसी और धर्म को लेकर भी टिप्पणी की जा सकती है। अन्य विपक्षी सांसदों ने भी उनके सुर में सुर मिलाते हुए इस टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से निकालने की मांग की। हंगामा बढ़ता देख उपसभापति ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
0 comments:
Post a Comment