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संसद में रोहित वेमूला सहित जेएनयू मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों का बहुत तीखे अंदाज में जवाब देने वाली केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के भाषण को काफी सराहा जा रहा है।
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संसद में रोहित वेमूला सहित जेएनयू मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों का बहुत तीखे अंदाज में जवाब देने वाली केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के भाषण को काफी सराहा जा रहा है।
जिस आक्रामक लहजे और तल्ख जबान के साथ उन्होंने रोहित और जेएनयू मुद्दे पर विपक्ष के सभी प्रहारों को भोथरा किया उससे प्रधानमंत्री मोदी भी संतुष्ट नजर आए। उन्होंने स्मृति की तारीफ करते हुए ट्वीटर पर उनका पूरा भाषण शेयर भी किया।
लेकिन लोकसभा में स्मृति ईरानी जिन दावों के आधार पर विपक्ष पर भारी पड़ती नजर आई थी अब उन दावों पर ही सवालिया निशान खड़ा हो गया है। सवाल खड़ा करने वाले हैं रोहित के दोस्त जो उसकी मौत के बाद मौके पर ही मौजूद थे।
नए दावों के बाद स्मृति के साथ साथ तेलंगाना पुलिस भी सवालों के घेरे में आ गई है, क्या उसने हाइकोर्ट को गलत जानकारी दी। क्योंकि उसी जानकारी के आधार पर ही स्मृति ने रोहित की मौत को लेकर संसद में नए खुलासे किए थे।
लोकसभा में विपक्ष के आरोपों का जवाब देते समय बुधवार को स्मृति ईरानी ने कुछ नए तथ्यों का खुलासा किया था। स्मृति ने तेलंगाना पुलिस की हाइकोर्ट में दी गई रिपोर्ट के आधार पर कहा था कि पुलिस को उसकी मौत की जानकारी 17 जनवरी की शाम 7.20 पर मिल गई थी।
जिसके बाद पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची तो देखा की उसका कमरा खुला हुआ था। रोहित का शव भी फंदे से उतारकर नीचे मेज पर रखा हुआ था। स्मृति ने पुलिस के दस्तावेजों के आधार पर दावा किया कि आक्रोशित छात्रों ने पुलिस को उसके शव के नजदीक ही नहीं जाने दिया।
दावा ये भी था कि सुबह 6.30 तक पुलिस और डॉक्टर रोहित के शव की जांच नहीं कर सके। नए दावे के साथ स्मृति ने सवाल खड़ा किया था कि उस भीड़ में ऐसा कौन था जिसने बिना किसी चिकित्सकीय परीक्षण के रोहित को मृत घोषित कर दिया।
स्मृति ने कहा जानबूझकर राजनीति करने के लिए एक छात्र को मौत के मुंह में धकेल दिया गया। राजनीतिक दलों ने उसके शव को भी पॉलीटिकल टूल की तरह इस्तेमाल किया।
जिसके बाद पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची तो देखा की उसका कमरा खुला हुआ था। रोहित का शव भी फंदे से उतारकर नीचे मेज पर रखा हुआ था। स्मृति ने पुलिस के दस्तावेजों के आधार पर दावा किया कि आक्रोशित छात्रों ने पुलिस को उसके शव के नजदीक ही नहीं जाने दिया।
दावा ये भी था कि सुबह 6.30 तक पुलिस और डॉक्टर रोहित के शव की जांच नहीं कर सके। नए दावे के साथ स्मृति ने सवाल खड़ा किया था कि उस भीड़ में ऐसा कौन था जिसने बिना किसी चिकित्सकीय परीक्षण के रोहित को मृत घोषित कर दिया।
स्मृति ने कहा जानबूझकर राजनीति करने के लिए एक छात्र को मौत के मुंह में धकेल दिया गया। राजनीतिक दलों ने उसके शव को भी पॉलीटिकल टूल की तरह इस्तेमाल किया।
स्मृति ने अपने दावों के साथ बेशक विपक्ष पर बढ़त बनाने का प्रयास किया हो लेकिन रोहित के साथियों ने इस पर सवाल खड़ा कर दिया है। रोहित के साथी रहे एक छात्र जिकुरल्लाह निशा ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट लिखते हुए स्मृति इरानी को झूठा कहा है।
निशा ने कहा कि "रोहित के फांसी खाने के तुरंत बाद उसने खुद हेल्थ सेंटर को फोन किया था। पांच मिनट के अंदर ही हेल्थ सेंटर के सीएमओ डा. राजश्री पी मौके पर पहुंचे और रोहित के शव की जांच कर उसे मृत घोषित किया।
उन्होंने दावा किया कि उस समय तेलंगाना पुलिस भी मौके पर मौजूद थी। आज केन्द्रीय मंत्री ने पूरे देश के सामने झूठ बोला कि सुबह 6.30 बजे तक न पुलिस और न डॉक्टरों को रोहित के शव का निरीक्षण करने दिया गया।" निशा की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है।
वहीं एक अंग्रेजी वेबसाइट द न्यूज मिनट ने रोहित के शव का चिकित्सकीय परीक्षण करने वाले डॉक्टर राजश्री पी के हवाले से बताया कि किया कि उसकी मौत के तुरंत बाद वह के पर पहुंच गए थे।
वेबसाइट के अनुसार रोहित ने 17 जनवरी की शाम 6.30 बजे से 7 बजे के बीच न्यू रिसर्च स्कॉलर हॉस्टल के कमरा नंबर 207 में फांसी खाई थी। इसकी सूचना सबसे पहले सिक्योरिटी ऑफिसर को मिली, जिन्होंने तुरंत हैदराबाद यूनिवर्सिटी के मेडिकल ऑफिसर राजश्री पी को सूचना दी।
निशा ने कहा कि "रोहित के फांसी खाने के तुरंत बाद उसने खुद हेल्थ सेंटर को फोन किया था। पांच मिनट के अंदर ही हेल्थ सेंटर के सीएमओ डा. राजश्री पी मौके पर पहुंचे और रोहित के शव की जांच कर उसे मृत घोषित किया।
उन्होंने दावा किया कि उस समय तेलंगाना पुलिस भी मौके पर मौजूद थी। आज केन्द्रीय मंत्री ने पूरे देश के सामने झूठ बोला कि सुबह 6.30 बजे तक न पुलिस और न डॉक्टरों को रोहित के शव का निरीक्षण करने दिया गया।" निशा की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है।
वहीं एक अंग्रेजी वेबसाइट द न्यूज मिनट ने रोहित के शव का चिकित्सकीय परीक्षण करने वाले डॉक्टर राजश्री पी के हवाले से बताया कि किया कि उसकी मौत के तुरंत बाद वह के पर पहुंच गए थे।
वेबसाइट के अनुसार रोहित ने 17 जनवरी की शाम 6.30 बजे से 7 बजे के बीच न्यू रिसर्च स्कॉलर हॉस्टल के कमरा नंबर 207 में फांसी खाई थी। इसकी सूचना सबसे पहले सिक्योरिटी ऑफिसर को मिली, जिन्होंने तुरंत हैदराबाद यूनिवर्सिटी के मेडिकल ऑफिसर राजश्री पी को सूचना दी।
डॉक्टर ने बताया कि मुझे 7.20 पर इसकी सूचना मिली और दस मिनट के अंदर मैं वहां पहुंच गया। तब तक उसके शव को पंखे से उतारकर नीचे रख दिया गया था।� दस मिनट तक जांच करने के बाद हमने उसे मृत घोषित कर दिया। हमनें इस संबंध में तत्काल वीसी को भी सूचित किया।
उन्होंने हमसे पूछा कि क्या उसके जिंदा होने की कोई गुंजाइश है। डॉक्टर के अनुसार सुबह 3 बजे तक वह वहां रहे। डा. राजश्री ने यूनिवर्सिटी की हेल्थ बुक में भी इसका जिक्र किया है। इसमें बताया गया है कि उन्होंने इस संबंध में तुरंत कुलपति, कुलसचिव और डीएसडब्लू को भी इस संबंध में सूचित किया।
वेबसाइट के अनुसार डा. राजश्री ने बताया कि जिस समय वह मौके पर पहुंचे पुलिस वहां मौजूद थी। वेबसाइट ने एक अन्य सीएमओ रवीन्द्र कुमार के हवाले से बताया कि, मेरे ड्यूटी डॉक्टर विजयश्री सूचना मिलने के तुरंत बाद मौके पर पहुंच गए थे।
जब उनकी मौत की सूचना पुख्ता हो गई तो मैंने वीसी को फोन किया, लेकिन उन्होंने मेरे फोन का जवाब नहीं दिया। वहीं रोहित के साथ ही सस्पेंड होने वाले चार छात्रों में से एक दोंथा प्रशांत ने बताया कि हम सभी उस समय मौके पर मौजूद थे जब रोहित का शव फांसी पर लटका पाया गया। ड्यूटी डॉक्टर राजश्री तुरंत मौके पर पहुंचे और उसकी जांच की।
उन्होंने हमसे पूछा कि क्या उसके जिंदा होने की कोई गुंजाइश है। डॉक्टर के अनुसार सुबह 3 बजे तक वह वहां रहे। डा. राजश्री ने यूनिवर्सिटी की हेल्थ बुक में भी इसका जिक्र किया है। इसमें बताया गया है कि उन्होंने इस संबंध में तुरंत कुलपति, कुलसचिव और डीएसडब्लू को भी इस संबंध में सूचित किया।
वेबसाइट के अनुसार डा. राजश्री ने बताया कि जिस समय वह मौके पर पहुंचे पुलिस वहां मौजूद थी। वेबसाइट ने एक अन्य सीएमओ रवीन्द्र कुमार के हवाले से बताया कि, मेरे ड्यूटी डॉक्टर विजयश्री सूचना मिलने के तुरंत बाद मौके पर पहुंच गए थे।
जब उनकी मौत की सूचना पुख्ता हो गई तो मैंने वीसी को फोन किया, लेकिन उन्होंने मेरे फोन का जवाब नहीं दिया। वहीं रोहित के साथ ही सस्पेंड होने वाले चार छात्रों में से एक दोंथा प्रशांत ने बताया कि हम सभी उस समय मौके पर मौजूद थे जब रोहित का शव फांसी पर लटका पाया गया। ड्यूटी डॉक्टर राजश्री तुरंत मौके पर पहुंचे और उसकी जांच की।
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