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बर्बर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट को विस्फोटक बनाने में भारत की सात कंपनियां से मदद मिल रही है। इन सात भारतीय कंपनियों समेत 20 देशों की कंपनियों की एक सूची जारी की गई है, जो आईएस को विस्फोटक बनाने में मदद पहुंचा रही हैं। यूरोपीय संघ से जुडे़ एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।
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बर्बर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट को विस्फोटक बनाने में भारत की सात कंपनियां से मदद मिल रही है। इन सात भारतीय कंपनियों समेत 20 देशों की कंपनियों की एक सूची जारी की गई है, जो आईएस को विस्फोटक बनाने में मदद पहुंचा रही हैं। यूरोपीय संघ से जुडे़ एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।
अध्ययन में कहा गया है कि आतंकी संगठन को रासायनिक पदार्थ और दूसरे खतरनाक पदार्थों की हो रही आपूर्ति को पहचानने की जरूरत है। दरअसल, भारतीय कानून के मुताबिक, इस तरह के पदार्थों की किसी दूसरे देश की कंपनियों को आपूर्ति करने के लिए लाइसेंस जरूरी होता है। सरकारी नियंत्रण में लेबनान और तुर्की की कंपनियों को ऐसे पदार्थों का निर्यात किया जाता है। जहां से आईएस के हाथों में ये संवेदनशील पदार्थ पहुंच जाते हैं।
कनफ्लिक्ट आर्मामेंट रिसर्च (सीएआर) के अध्ययन में कहा गया है कि आईएस को रासायनिक पदार्थों की आपूर्ति करीब 20 देशों की 51 कंपनियों के जरिए हो रही है। इन देशों में तुर्की, भारत, ब्राजील, रोमानिया, रूस, नीदरलैंड, चीन, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, चेक गणराज्य और अमेरिका भी शामिल हैं। ये कंपनियां कहीं न कहीं आईएस को करीब 700 तरीके के कंपोनेंट मुहैया करा रही हैं। जिसकी मदद से वह खतरनाक विस्फोटक आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बना रहा है।
इस सूची में तुर्की शीर्ष पर है, जिसकी 13 कंपनियां आईएस को आपूर्ति के काम में लगी हैं। इसके बाद भारत का नंबर है, जिसकी सात कंपनियां हैं। यह अध्ययन 20 महीनों में पूरा हुआ है।
भारत की ये सातों कंपनियां डेटोनेटर्स, डेटोनेटिंग कार्ड और सेफ्टी फ्यूजेज बनाती हैं।
अध्ययन में कहा गया है कि केबल, रासायनों और दूसरे उपकरणों की आवाजाही पर भी सरकारों को नजर रखनी होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, आईएस विस्फोटकों को उड़ाने के लिए अक्सर नोकिया 105 मोबाइल का इस्तेमाल करता है।
भारत की ये सातों कंपनियां डेटोनेटर्स, डेटोनेटिंग कार्ड और सेफ्टी फ्यूजेज बनाती हैं।
अध्ययन में कहा गया है कि केबल, रासायनों और दूसरे उपकरणों की आवाजाही पर भी सरकारों को नजर रखनी होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, आईएस विस्फोटकों को उड़ाने के लिए अक्सर नोकिया 105 मोबाइल का इस्तेमाल करता है।
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