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भारत एक बार फिर हथियारों का सबसे बड़ा आयातक देश बन कर उभरा है। उसने चीन और पाकिस्तान से तीन गुना अधिक हथियार खरीदे हैं। पूरी दुनिया में हिस्सेदारी 14 फीसदी रही। लगातार तीसरे साल भारत पहले पायदान पर रहा है।
स्टाकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011 से 15 के बीच भारत दुनिया में हथियारों का सबसे बड़ा आयातक रहा। इस दरम्यान 2006-10 की तुलना में आयात 90 फीसदी तक बढ़ गया है। भारत ने पिछले तीन साल में 83, 458 करोड़ रुपये के हथियारों का आयात किया है। इसमें एयरक्राफ्ट और मिसाइल शामिल है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका एक कारण भारतीय हथियार उद्योग का प्रतिस्पर्धात्मक स्वदेशी हथियार बनाने में असफल रहना है। दूसरी ओर चीन अपने खुद के उन्नत हथियार तैयार करने की क्षमता बढ़ा रहा है। चीन दूसरे नंबर पर रहा। इसकी हिस्सेदारी 4.7 फीसदी रही है।
यह महत्वपूर्ण है कि भारत के 70 फीसदी हथियार बाजार पर रूस का कब्जा है। वैसे अमेरिका भी इस मामले में तेजी से आगे जा रहा है। हथियार आयातकों में तीसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया है। इसकी हिस्सेदारी 3.6 फीसदी रही।
चौथे नंबर पर पाकिस्तान है। पाकिस्तान की हिस्सेदारी 3.3 फीसदी रही। साल 2006 से 2010 की तुलना में पिछले पांच सालों में अमेरिका से होने वाला हथियारों का आयात 11 गुना बढ़ गया है।रिपोर्ट के अनुसार 10 सबसे बड़े आयातकों में से छह देश एशिया और ओसिआनिया (उष्ण कटिबंधीय प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्थित देश) के हैं। वियतनाम इस लिस्ट में पांचवे नंबर पर है। इसकी हिस्सेदारी 2.9 फीसदी है। यहां आयात करीब 699 फीसदी बढ़ा है।
दक्षिण कोरिया 2.6 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ छठे स्थान पर है। एसआईपीआरआई की रिपोर्ट पर गौर करें तो 2006-10 और 2011-15 के बीच अफ्रीका में आयात 19 फीसदी बढ़ा है।
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भारत एक बार फिर हथियारों का सबसे बड़ा आयातक देश बन कर उभरा है। उसने चीन और पाकिस्तान से तीन गुना अधिक हथियार खरीदे हैं। पूरी दुनिया में हिस्सेदारी 14 फीसदी रही। लगातार तीसरे साल भारत पहले पायदान पर रहा है।
स्टाकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011 से 15 के बीच भारत दुनिया में हथियारों का सबसे बड़ा आयातक रहा। इस दरम्यान 2006-10 की तुलना में आयात 90 फीसदी तक बढ़ गया है। भारत ने पिछले तीन साल में 83, 458 करोड़ रुपये के हथियारों का आयात किया है। इसमें एयरक्राफ्ट और मिसाइल शामिल है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका एक कारण भारतीय हथियार उद्योग का प्रतिस्पर्धात्मक स्वदेशी हथियार बनाने में असफल रहना है। दूसरी ओर चीन अपने खुद के उन्नत हथियार तैयार करने की क्षमता बढ़ा रहा है। चीन दूसरे नंबर पर रहा। इसकी हिस्सेदारी 4.7 फीसदी रही है।
यह महत्वपूर्ण है कि भारत के 70 फीसदी हथियार बाजार पर रूस का कब्जा है। वैसे अमेरिका भी इस मामले में तेजी से आगे जा रहा है। हथियार आयातकों में तीसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया है। इसकी हिस्सेदारी 3.6 फीसदी रही।
चौथे नंबर पर पाकिस्तान है। पाकिस्तान की हिस्सेदारी 3.3 फीसदी रही। साल 2006 से 2010 की तुलना में पिछले पांच सालों में अमेरिका से होने वाला हथियारों का आयात 11 गुना बढ़ गया है।रिपोर्ट के अनुसार 10 सबसे बड़े आयातकों में से छह देश एशिया और ओसिआनिया (उष्ण कटिबंधीय प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्थित देश) के हैं। वियतनाम इस लिस्ट में पांचवे नंबर पर है। इसकी हिस्सेदारी 2.9 फीसदी है। यहां आयात करीब 699 फीसदी बढ़ा है।
दक्षिण कोरिया 2.6 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ छठे स्थान पर है। एसआईपीआरआई की रिपोर्ट पर गौर करें तो 2006-10 और 2011-15 के बीच अफ्रीका में आयात 19 फीसदी बढ़ा है।
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