--लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (मिशन 2017) की एक-एक सीट पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती की नजर है। उनकी अतिसतर्कता के कारण जोनल कोआर्डिनेटरों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।
बसपा मुखिया ने सभी जोनल कोआर्डिनेटरों के साथ ही हर जोन में तीन से चार अतिरक्त कोआर्डिनेटर बना दिए हैं। इससे बसपा में कोआर्डिनेटरों की संख्या बढ़कर 36 हो गई है। ये सभी कोआर्डिनेटर बसपा सुप्रीमो को हर विधानसभा और संभावित प्रत्याशियों की सक्रियता के बारे में लगातार रिपोर्ट दे रहे हैं।
माना जा रहा है कि बसपा सुप्रीमो ने अलीगढ़ के अतरौली विधानसभा सीट से चुनाव की तैयारी कर रही पार्टी प्रत्याशी संगीता चौधरी का टिकट भी अतिरिक्त जोनल कोआर्डिनेटरों की रिपोर्ट पर काटा। बसपा मुखिया को 2012 के विधानसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव में जो झटका लगा, उससे वह अब हर कदम अति सावधानी से उठा रही हैं।
बीते चुनाव में जोनल कोआर्डिनेटरों पर ही पूरी तरह से आश्रित रहने वाली बसपा मुखिया को कई बार धोखा मिल चुका है। बसपा के ही जोनल कोआर्डिनेटर रहे जुगुल किशोर की रिपोर्ट पर कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई। कुछ के बारे में बसपा मुखिया को गुमराह करने वाले रिपोर्ट भी मिले। जब ऐसी रिपोर्ट की दोबारा जांच कराई गई तो यह बात भी सामने आई कि संबंधित कोआर्डिनेटर ने बसपा मुखिया के नाम पर खूब खेल किए। ऐसी ही रिपोर्ट जुगुल किशोर के नाम पर मिली थी। उन पर बसपा के टिकट बेचने तक के आरोप लगे। बाद में उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता देखना पड़ा।
इसी तरह जोनल कोआर्डिनेटर रहे आर खंडूरी को हटा दिया गया था। कुछ इसी तरह कोआर्डिनेटर रहे केके गौतम को हटाकर हिमाचल प्रदेश भेज दिया गया था। बीते विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मात खाने के बाद बसपा मुखिया ने अब हर जोनल कोआर्डिनेटर की रिपोर्ट को क्रास चेक करने के लिए पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं के गोपनीय पत्र के आधार पर अतिरिक्त कोआर्डिनेटर बनाए हैं। बीते दिनों फिरोजाबाद के एक निष्ठावान कार्यकर्ता ने मायावती को पत्र लिखकर बताया था कि हेमंत प्रताप सिंह, डॉ. ज्ञान सिंह एवं चौधरी सालिग सिंह (जिलाध्यक्ष) द्वारा चुनावी फंड के नाम पर खुली लूट की जा रही है।
होरीलाल नामक कार्यकर्ता ने पत्र में बसपा प्रमुख को अवगत कराया था कि हेमंत प्रताप सिंह, ज्ञान सिंह और चौधरी सालिग सिंह पार्टी के नाम पर त्रिलोक चंद्र कुशवाहा, ब्रजमोहन कश्यप, मोहन निषाद, बबलू, गोल्डी, अशोक कुमार यादव, चौधरी जितेंद्र जाटा, प्रमोद बघेल, पप्पू कुशवाहा, शिकोहाबाद के अरविंद यादव, वीरू, सुमन, टुंडला के रणवीर चौहान व हेमंत पोनिया से पांच से 10 लाख रुपये चुनावी फंड के नाम पर वसूले। पार्टी कार्यकर्ता ने बसपा मुखिया से मामले की गोपनीय जांच कराकर कार्रवाई का अनुरोध किया था। इसी तरह की सैकड़ों गोपनीय शिकायतें मिलने के बाद बसपा ने हर जोन में अतिरक्ति जोनल कोआर्डिनेटरों की तैनाती कर दी।
शिकायत मिलने पर पहले मामले की गोपनीय जांच कराई जा रही है। इसके बाद ही पार्टी कोई कार्रवाई करेगी। ये सभी अतिरिक्त कोआर्डिनेटर सीधे मायावती को रिपोर्ट कर रहे हैं।
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