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पाकिस्तान की तरफ से सीमा पर फायरिंग का सीधा असर इन बच्चों के भविष्य पर पड़ रहा है। प्रशासन ने सीमा के 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले करीब 432 स्कूलों को अगले आदेश तक बंद करने का निर्देश दिया है।
स्कूलों में लगे अभिभावकों की चिंता भी बढ़ा रहे हैं। जम्मू के सांबा में रहने वाली नीलम कुमारी के तीनों बच्चे पिछले कुछ दिनों से स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। स्कूल में पढ़ाई बंद है इसलिए बच्चों को घर में ही पढ़ाने की कोशिश हो रही है। लेकिन इसमें भी कई दिक्कतें हैं।
सीमा पर तनाव के चलते जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास के 282 स्कूल बंद हैं, इनमें से 175 स्कूल जम्मू में, 62 कठुआ में और 45 सांबा में हैं। वहीं लाइन ऑफ कंट्रोल के पास राजौरी और पुंछ में करीब 150 स्कूल बंद किए जा चुके हैं।
फायरिंग की वजह से बच्चों की पढ़ाई के अलावा सीमा से सटे गांव में रहने वालों की जिंदगी भी पूरी तरह बिखर गई है। सांबा में रामगढ़ के इस घर में पाकिस्तानी शेल गिरने से 22 साल की रवींद्र कौर की मौत हो गई थी। उसके बाद से पूरा गांव खाली हो गया है।
लोग अपने घरों को छोड़कर कैंप में रहने को मजबूर हैं। पहले दिन के वक्त लोग अपने गांव वापस लौट जाया करते थे लेकिन पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान ने दिन में भी फायरिंग की जिससे ये लोग यहीं कैद होकर रह गए हैं। मंगलवार को पाकिस्तान की तरफ से हुई फायरिंग का सबसे ज्यादा असर सांबा जिले पर ही हुआ है। यहां 6 लोगों की जान जा चुकी है।
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जम्मू: भारत पाकिस्तान सीमा पर जारी तनाव और तनातनी के बीच जम्मू
में प्रशासन ने बॉर्डर से सटे 432 स्कूल अगले आदेश तक बंद कर दिए है। स्कूल
बंद होने के चलते अब छात्रों को उनके भविष्य की चिंता सताने लगी है।
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पाकिस्तान की तरफ से सीमा पर फायरिंग का सीधा असर इन बच्चों के भविष्य पर पड़ रहा है। प्रशासन ने सीमा के 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले करीब 432 स्कूलों को अगले आदेश तक बंद करने का निर्देश दिया है।
स्कूलों में लगे अभिभावकों की चिंता भी बढ़ा रहे हैं। जम्मू के सांबा में रहने वाली नीलम कुमारी के तीनों बच्चे पिछले कुछ दिनों से स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। स्कूल में पढ़ाई बंद है इसलिए बच्चों को घर में ही पढ़ाने की कोशिश हो रही है। लेकिन इसमें भी कई दिक्कतें हैं।
सीमा पर तनाव के चलते जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास के 282 स्कूल बंद हैं, इनमें से 175 स्कूल जम्मू में, 62 कठुआ में और 45 सांबा में हैं। वहीं लाइन ऑफ कंट्रोल के पास राजौरी और पुंछ में करीब 150 स्कूल बंद किए जा चुके हैं।
फायरिंग की वजह से बच्चों की पढ़ाई के अलावा सीमा से सटे गांव में रहने वालों की जिंदगी भी पूरी तरह बिखर गई है। सांबा में रामगढ़ के इस घर में पाकिस्तानी शेल गिरने से 22 साल की रवींद्र कौर की मौत हो गई थी। उसके बाद से पूरा गांव खाली हो गया है।
लोग अपने घरों को छोड़कर कैंप में रहने को मजबूर हैं। पहले दिन के वक्त लोग अपने गांव वापस लौट जाया करते थे लेकिन पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान ने दिन में भी फायरिंग की जिससे ये लोग यहीं कैद होकर रह गए हैं। मंगलवार को पाकिस्तान की तरफ से हुई फायरिंग का सबसे ज्यादा असर सांबा जिले पर ही हुआ है। यहां 6 लोगों की जान जा चुकी है।
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