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शिवपुरी। शहर के जवाहर कॉलोनी पीएचक्यू लाईन में कल दोपहर को कॉलोनी
के सभी घरो में शोक का मातम था। इस कॉलोनी में से 1 घर से 2 अर्थी और समीप
ही 1 अर्थी उठी। इस मातम भरे महौल में एक पिता उस समय को कोस रहा था। जब
उसका पुत्र घर से अपनी बुलेरा गाड़ी को लेकर जल्द ही आने को कहकर निकला
था। इस मामले में बड़ा खुलासा यह हुआ है कि जिंदा बचे एसएएफ जवान ने अपने
दोस्तों को बचाने की कोशिश तक नहीं की बल्कि अपनी नौकरी बचाने के लिए
दोस्तों को मरने के लिए छोड़ गया।
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जैसा कि विदित है कि बुधवार की देर शाम लगभग 7:30 बजे नरवर की ओर से आ रही
एक बुलैरो गाड़ी अनियत्रिंत होकर मडीखेडा डेम से आगे रोड पर बनी पुलिया से
सिंध के भराव क्षेत्र के 10 फुट भरे पानी में कूद गई थी।
इस हादसे में शिवपुरी के पीएचक्यू कॉलोनी में निवास करने वाले रिटायर्ट
रैंजर के पुत्र विदिशा में पदस्थ सिपाही आदेश उर्फ अंकुर वंशकार व उसका
चचेरा भाई एसएएफ जवान अजय और इनका दोस्त मोनू परिहार की पानी में डूबकर मौत
हो गई और इस हादसे में गाडी का कॉच तोडकर एसएएफ का जवान श्रीनिवास तैरकर
बहार आ गया।
चारों दोस्तों ने एक साथ बैठकर पी थी शराब
विदिशा में पदस्थ सिपाही आदेश उर्फ अंकुर बुधवार की दोपहर एक बजे अपनी
बोलेरो क्रमांक एमपी-33 टी-1036 लेकर घर से निकला था। इस दौरान उसने अपने
चचेरे भाई एसएएफ जवान अजय व उसके दोस्त श्रीनिवास जिंदा बचा, एसएएफ जवान
सहित मोनू परिहार को साथ लिया और मगरौनी पहुंच गया। यहां चारों लोगों ने
शराब पी और बोलेरो लेकर जाने लगे। बोलेरो को आदेश चला रहा था लेकिन शराब का
नशा अधिक होने की वजह से उसकी बोलेरो अनियंत्रित होकर सिंध के भराव
क्षेत्र में जा गिरी।
कांच तोडक़र बाहर निकला, कपड़े बदलने कमरे पर पहुंच गया
घटना के बाद बोलेरो में आगे बैठा श्रीनिवास कांच तोडक़र बाहर निकल आया और
घटना की जानकारी मगरौनी चौकी पर देने के बजाय सीधा अपने कमरे पर पहुंच गया।
चूंकि श्रीनिवास ने ज्यादा शराब पी रखी थी, इसलिए उसने पहले अपनी वर्दी
उतारकर सादा कपड़े पहने और तब चौकी पर आकर घटना की सूचना दी लेकिन तब तक
गहरे पानी में डूबने से अजय, आदेश व मोनू की मौत हो चुकी थी।
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