सीधे मथुरा से: देश में पहली चांदी के अष्ट कमल दल पर प्रकट हुए कान्हा

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मथुरा.भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान में पहली बार कान्हा का प्राकट्य 25 किलो की चांदी के अष्ट कमल पर हुआ। संयोग ही है कि इस वर्ष ग्रह-नक्षत्रों के योग ठीक वैसे ही रहा, जैसा हजारों साल पहले भगवान के जन्म के वक्त था। कान्हा की नगरी में जन्‍मोत्‍सव मनाने जुटे श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था। मथुरा-वृंदावन समेत बृज डिविजन में पिछली बार के 20 लाख के मुकाबले इस बार 30 लाख श्रद्धालु पहुंचने का दावा किया गया। 
- जन्मस्थान में पहली बार कान्हा का प्राकट्य चांदी के कमल से हुआ। इस कमल को इस तरह डिजाइन की गई थी कि जन्म की घड़ी आते ही पंखुड़ियां अपने आप खुलने लगी और कृष्ण ने सबको दर्शन दिया।
- रात को 12 बजे भगवान के जन्म के साथ ही मथुरा की गलियों में हर ओर मंगल ध्वनि और कीर्तन सुनाई दे रहा था।
- जन्माष्टमी के मौके पर कई विदेशी श्रद्धालु भी वहां पहुंचे हुए थे। 'नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की' का कीर्तन सभी मंदिरों और गलियों में सुनाई दिया।
- कई जगह तो भक्त भगवान की पालकी सिर पर रखकर भक्तिभाव में मगन नजर आ रहे थे।
- जन्माष्टमी के मौके पर यहां के सभी छोटे-बड़े मंदिरों और राधा-कृष्‍ण की प्रतिमाओं का भव्‍य श्रृंगार किया गया। इस बार जन्माष्टमी की थीम बेटी बचाओ रही।
इस बार नक्षत्रों का अद्भुत संयोग
- इस बार जन्माष्टमी खास थी क्‍योंकि गृह, नक्षत्रों का वैसा ही संयोग पड़ा, जैसा श्री कृष्ण के जन्म के समय था। ऐसा संयोग हर बार नहीं होता है।
- इस बार मौका भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर जो 10 में से 8 योग ऐसे थे जो द्वापर युग में कृष्ण के जन्म के समय माने जाते हैं।

12.45 AM :जन्‍मस्‍थाली के अंदर और बाहर लग रहे जय कन्‍हैया लाल की, मदन गोपाल की गूंज रहे थे।
12.40 AM :कई सारे भक्‍त बाल कृष्‍ण के दर्शन के लिए बाहर इंतजार कर रहे थे।
12.35 AM :जन्‍म स्‍थली पर भक्‍तों की लंबी कतारें लगी हुई हैं।
12.31 AM : यहां पहुंचे श्रद्धालु मोबाइल से आरती का वीडियो शूट करते दिखे।
12.30 AM : अभिषेक के बाद बालकृष्‍ण की भव्‍य आरती शुरू।
12.21 AM : पोशाक को पुष्पाम्बुज नाम दिया गया है। इसमें पत्तियों की डिजाइन को इस तरह उकेरा है कि इस पर रोशनी पड़ते ही इसके रंग श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है।
12.20 AM : वृंदावन के इस्‍कॉन टेम्‍पल में भी किया गया बाल गोपाल का अभिषेक।
12.20 AM: चांदी के अष्ट कमल दल पर जन्‍म के बाद बालकृष्ण को सतरंगी पोशाक पहनाया गया।
12.15 AM :अभिषेक के साथ ही आसमान से फूलों की बारिश की गई।
12.12 AM : अयोध्या के महंत नृत्यगोपाल दास महाराज, अनुराग डालमिया ने किया अभिषेक।
12:01 AM : भगवान के प्राकट्य के साथ ही पूरा मंदिर परिसर हरिबोल की ध्वनि से गूंज उठा।
12:01 AM :बाल गोपाल का जन्‍म होते ही परिसर में बजे ढोल-नगाड़े।
12.01 AM :कान्हा के जन्म के साथ ही जयकारों से गूंज उठी श्याम नगरी, हर ओर कीर्तन।
12.00 AM :बाल गोपाल ने अष्ट कमल दल में लिया जन्‍म।
11.55 PM :कमल दल की आठ पंखुड़ियों के खुलते ही भगवान कृष्ण का प्रकाष्टवय स्वकरूप दिखाई देगा।
11.48 PM : कान्हा अष्ट कमल दल पर प्रगट होने वाले हैं। यह 25 किलो वजन की चांदी का बनवाया गया है।
11.45 PM :श्री गणेश व नवग्रह पूजन शुरू।
11.35 PM : अब श्री गणेश व नवग्रह पूजन शुरू होने वाला है।
11.30 PM : भागवत भवन के श्रीकेशवदेव मंदिर में ढोल-नगाड़े, झांझ-मजीरे, संकीर्तन के बीच भगवान श्री राधाकृष्ण की दिव्य दर्शन हो रहा है।
 
 

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