250 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रैल्गो ट्रेन

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नई दिल्ली: देश में बुलेट ट्रेन का सपना साकार करने के लिए भारतीय रेल एक कदम और आगे बढ़ी है।  रविवार को पहली बार उत्तर प्रदेश के बरेली और मुरादाबाद के बीच हाई स्पीड ट्रेन का ट्रायल किया गया है। ये हाई स्पीड ट्रेन स्पेन से बुलाई गई है जो 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पटरियों पर फर्राटा भर सकती है। 

ट्रेन बरेली से 9 बजकर पांच मिनट पर चली और 90 किलोमीटर का सफ़र तय कर के लगभग साढ़े दस बजे मुरादाबाद स्टेशन पहुंची। इस ट्रेन को पहले चरण में सिर्फ 80 किलो मीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से चलाया गया ताकि ट्रैक की जानकारी मिल सके। अब दोबारा वापसी में इस ट्रेन को मुरादाबाद से बरेली तक 115 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम रफ़्तार से चलाये जाने का कार्यक्रम है। 
वैसे तो इस ट्रेन की अधिकतम गति 250 किलोमीटर प्रति घंटा है लेकिन अभी हमारे देश में अधिकतम 160 किलो मीटर प्रति घंटा की गति से चलने योग्य ही रेल ट्रैक हैं। बरेली मुरादाबाद के बीच जो रेल ट्रैक है उस पर अधिकतम 115 किलोमीटर प्रति घटना की रफ़्तार से ट्रेन को चलाया जा सकता है और देश में सामान्यत इसी स्पीड योग्य रेल ट्रैक हैं। 
टैल्गो ट्रेन के अंदर के इंटीरियर की बात करें तो एक डब्बे में 20 सीट है। एग्जीक्यूटिव क्लास में ये संख्या 26 तक हो सकती है। टीवी स्क्रीन से लेकर हाई टैक चेयर सीट और उसमे लगे इलेक्ट्रिक स्विच के साथ ही विंडो के पर्दे और हाई टेक मॉडर्न टॉयलेट है। LED स्क्रीन ऐसे लगे हुए हैं की वह हर सीट से दिख सकतें हैं। इसमें वैक्यूम ट्वायलट का इस्तेमाल किया गया है। साइज़ एयरलाइन की तरह का है, इसमें ड्रायर और सोप डिस्पेंसर की व्यवस्था है। 
ट्रेन के अन्दर हाईटेक सुविधा वाला रसोई भी है। कैफेटेरिया भी है, अलग अंदाज़ में. इसमें लोग खड़े हो कर खाना खा सकत हैं। मेन्यू भी डिस्प्ले में लगा है। पानी की वयवस्था है, माइक्रोवेव है, खाना ठंडा और पैक्ड फ़ूड रखने का इंतज़ाम है। फिलहाल इस ट्रेन में भारतीय इंजन है और 9 डब्बे स्पेन के टैल्गो ट्रेन के हैं। इस ट्रेन का तीन महीने तक ट्रायल चलेगा। 
ट्रेन के अन्दर की बात करें तो यात्रियों की सुविधा के लिए इस ट्रेन में बहुत कुछ है। आधुनिक तकनिकी से बने ट्रेन के डिब्बो में यात्रियों की सुविधा का पूरा ख्याल रखा गया है। सुरक्षा के लिहाज़ से हाइड्रोलिक ब्रेक सिस्टम लगाया गया है. देखा जाये तो एक तरह से पूरी तरह लक्जरी ट्रेन कहा जा सकता है। 
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