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मेरठ के गंगानगर, लोहियानगर और वेदव्यासपुरी के किसानों ने सामूहिक रूप से राष्ट्रपति को चिट्ठी भेजकर सामूहिक इच्छा मृत्यु की मांग की है। किसानों ने रविवार को कसेरूबक्सर में मीटिंग कर कहा कि अगर एमडीए किसानों की लाशों पर महल बनाना चाहता है तो बना ले। तय किया गया कि इस मामले में अगले सोमवार को मीटिंग की जाएगी।
लोहियानगर में किसानों ने शनिवार को मुआवजे के मसले पर एमडीए के फ्लैटों का काम रुकवा दिया था। एमडीए ने इसकी सूचना पुलिस को दी, लेकिन मौके पर किसानों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस वापस लौट गई। उधर मुआवजे के मसले पर कसेरूवक्सर में गंगानगर, वेदव्यासपुरी और लोहियानगर के किसानों की मीटिंग हुई।
वक्ताओं ने कहा कि अब पानी सिर से ऊपर हो चुका है। मई माह में सदमे में तीन किसानों की मौत हो चुकी है। 19 मई को विजय कौर, 20 को दारा सिंह और 25 को नरेश कुमार की मौत हो गई। किसान संघर्ष समिति के महामंत्री हरविन्दर सिंह ने कहा कि 11 मई 2015 को हुई एमडीए बोर्ड बैठक में तय किया गया था कि बढम हुआ प्रतिकर दिया जाएगा।
इसके लिए सभी किसानों ने तय प्रारूप पर समझौता पत्र भरकर जमा कर दिए हैं, लेकिन अब तक मुआवजे का निस्तारण नहीं हुआ। समिति अध्यक्ष तेजपाल सिंह ने कहा कि अब संघर्ष बिना बात बनने वाली नहीं है। सोमवार को होने जा रही मीटिंग में आगे की रणनीति बनाई जाएगी। चौ. सत्यपाल सिंह, लोकेन्द्र सिंह, मुस्तकीम अहमद, इस्लाम, मनोज, जसबीर आदि रहे।
ये है पूरा मामला
एमडीए ने 14 अगस्त 1977 को गंगानगर, लोहियानगर और वेदव्यासपुरी और शताब्दीनगरा योजना के जमीन अधिग्रहण का ऐलान किया। 22 फरवरी 1990 को इनका अवार्ड हुआ। 2003 में एमडीए ने गंगानगर योजना में किसानों को 210 रुपये अतिरिक्त प्रतिकर दिया। 2008 में लोहियानगर, वेदव्यासपुरी और शताब्दीनगर को 165 का भुगतान किया गया। 2011 में शताब्दीनगर के किसानों को 690 और बढ़ाकर दिए गए। इसके बाद मांग उठी कि जब सभी योजनाओं का अवार्ड और अधिग्रहण एक दिन हुआ तो मुआवजा भी एक समान दिया जाए। 22 जून 2015 को इस पर सहमति भी बन गई। बोर्ड बैठक में भी इस पर सैद्धांतिक सहमति बन गई। किसानों ने समझौता पत्र भी भर दिए लेकिन अब तक मामले का पूरा निस्तारण नहीं हुआ।
हल कराएंगे किसानों की समस्याएं : शाहिद मंजूर
कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर ने कहा है कि किसान धैर्य रखें वह किसानों का मसला हल कराएंगे। कहा कि उन्होंने एमडीए दफ्तर में चल रहा गंगानगर के किसानों का धरना समस्या हल कराने के वादे पर खत्म कराया था। वह अपनी बात पर अडिग हैं और जल्द ही एमडीए अफसरों एवं किसानों को आमने-सामने बैठाकर मसले को सुलझाएंगे। उन्होंने कहा कि किसान जल्दबाजी में कोई गलत कदम न उठाएं।
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मेरठ के गंगानगर, लोहियानगर और वेदव्यासपुरी के किसानों ने सामूहिक रूप से राष्ट्रपति को चिट्ठी भेजकर सामूहिक इच्छा मृत्यु की मांग की है। किसानों ने रविवार को कसेरूबक्सर में मीटिंग कर कहा कि अगर एमडीए किसानों की लाशों पर महल बनाना चाहता है तो बना ले। तय किया गया कि इस मामले में अगले सोमवार को मीटिंग की जाएगी।
लोहियानगर में किसानों ने शनिवार को मुआवजे के मसले पर एमडीए के फ्लैटों का काम रुकवा दिया था। एमडीए ने इसकी सूचना पुलिस को दी, लेकिन मौके पर किसानों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस वापस लौट गई। उधर मुआवजे के मसले पर कसेरूवक्सर में गंगानगर, वेदव्यासपुरी और लोहियानगर के किसानों की मीटिंग हुई।
वक्ताओं ने कहा कि अब पानी सिर से ऊपर हो चुका है। मई माह में सदमे में तीन किसानों की मौत हो चुकी है। 19 मई को विजय कौर, 20 को दारा सिंह और 25 को नरेश कुमार की मौत हो गई। किसान संघर्ष समिति के महामंत्री हरविन्दर सिंह ने कहा कि 11 मई 2015 को हुई एमडीए बोर्ड बैठक में तय किया गया था कि बढम हुआ प्रतिकर दिया जाएगा।
इसके लिए सभी किसानों ने तय प्रारूप पर समझौता पत्र भरकर जमा कर दिए हैं, लेकिन अब तक मुआवजे का निस्तारण नहीं हुआ। समिति अध्यक्ष तेजपाल सिंह ने कहा कि अब संघर्ष बिना बात बनने वाली नहीं है। सोमवार को होने जा रही मीटिंग में आगे की रणनीति बनाई जाएगी। चौ. सत्यपाल सिंह, लोकेन्द्र सिंह, मुस्तकीम अहमद, इस्लाम, मनोज, जसबीर आदि रहे।
ये है पूरा मामला
एमडीए ने 14 अगस्त 1977 को गंगानगर, लोहियानगर और वेदव्यासपुरी और शताब्दीनगरा योजना के जमीन अधिग्रहण का ऐलान किया। 22 फरवरी 1990 को इनका अवार्ड हुआ। 2003 में एमडीए ने गंगानगर योजना में किसानों को 210 रुपये अतिरिक्त प्रतिकर दिया। 2008 में लोहियानगर, वेदव्यासपुरी और शताब्दीनगर को 165 का भुगतान किया गया। 2011 में शताब्दीनगर के किसानों को 690 और बढ़ाकर दिए गए। इसके बाद मांग उठी कि जब सभी योजनाओं का अवार्ड और अधिग्रहण एक दिन हुआ तो मुआवजा भी एक समान दिया जाए। 22 जून 2015 को इस पर सहमति भी बन गई। बोर्ड बैठक में भी इस पर सैद्धांतिक सहमति बन गई। किसानों ने समझौता पत्र भी भर दिए लेकिन अब तक मामले का पूरा निस्तारण नहीं हुआ।
हल कराएंगे किसानों की समस्याएं : शाहिद मंजूर
कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर ने कहा है कि किसान धैर्य रखें वह किसानों का मसला हल कराएंगे। कहा कि उन्होंने एमडीए दफ्तर में चल रहा गंगानगर के किसानों का धरना समस्या हल कराने के वादे पर खत्म कराया था। वह अपनी बात पर अडिग हैं और जल्द ही एमडीए अफसरों एवं किसानों को आमने-सामने बैठाकर मसले को सुलझाएंगे। उन्होंने कहा कि किसान जल्दबाजी में कोई गलत कदम न उठाएं।
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