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न्यूज़: विवाद में आज आरोपियों की तलाश के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया गया है. मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस भी जारी किया है. इस बीच इस मसले को लेकर राजनीति भी लगातार बढ़ती जा रही है.
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजीत जोगी जेएनयू के उन छात्रों के समर्थन में आ गए हैं जिन्होंने कथित तौर पर जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाए थे. अजीत जोगी का कन्हैया के समर्थन में यह कहना की उसपर देशद्रोह का मामला नहीं बनता तो समझ आता है, क्यूंकि कन्हैया के खिलाफ अब तक देश विरोधी नारे लगाने के सबूत नहीं मिले हैं.
अजीत जोगी ने उन छात्रों का भी समर्थन कर दिया जिन्होंने देश विरोधी नारे लगाए हैं. अजीत जोगी ने कहा की कन्हैया के जिन साथियों ने देश विरोधी नारे लगाए हैं उनपर भी देशद्रोह का केस नहीं चल सकता है. हालाँकि बाद में अजीत जोगी ने कहा की जिन लोगों ने देश विरोधी नारे लगाएं हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
इधर दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में कानून के रखवालों ने खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाई. देशभक्ति के नाम पर खुद कानून अपने हाथ में ले लिया. लेकिन सवाल सिर्फ मारपीट करने वाले कथित वकीलों पर नहीं बल्कि दिल्ली पुलिस पर भी उठ रहे हैं. आखिर क्या वजह है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद कन्हैया की पेशी के दिन भी वकीलों ने पटियाला हाउस कोर्ट में मारपीट की और पुलिस उन्हें छू भी नहीं पाई.
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