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न्यूज़: क्यों विवाहित महिलाओं के पास हमेशा घर में इतना कामकाज होता है, जबकि पत्नी हर सप्ताह अपने पति के घर के कामों में खपने वाले कई घंटों को बचाती है.
अंतर्राष्ट्रीय न्यूज एंजेसी रॉयटर्स ने यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट फॉर सोशल रिसर्च (आईएसआर) से फ्रैंक स्टैनफोर्ड के हवाले से लिखा कि पुरुष बाहर के कामों की तरफ अधिक झुकाव रखते हैं, वहीं महिलाएं अधिक घरेलू श्रम करती हैं. उन्होंने बताया कि यह स्थिति बच्चों की मौजूदगी में अधिक बदतर हो जाती है.
निष्कर्ष बताते हैं कि जिन महिलाओं के तीन से अधिक बच्चे होते हैं, वे पूरे सप्ताह सफाई, खाना पकाने और कपड़े धोने में 28 घंटे बिताती हैं. वहीं युवा एकल महिलाओं को इन कामों के लिए सप्ताह में केवल 12 घंटे ही देने पड़ते हैं.
ये निष्कर्ष आईएसआर के 1968 से 2005 तक के आंकड़ों पर आधारित हैं. इनके आधार पर 2005 में एक ‘टाइम-डायरी’ तैयार की गई, जिनका अध्ययन करने के बाद नतीजे निकाले गए. इसमें लोगों से पूछा गया था कि वे सफाई, खाना पकाने, कपड़े धोने और अन्य बुनियादी कार्यो में कितना समय बिताते हैं.
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