चेन्नई: चेन्नई के एक निजी अस्पताल में जेनरेटर कक्ष में कथित रूप से बाढ़ का पानी घुस जाने और इसी वजह से वेंटिलेटर बाधित होने और ऑक्सीजन की आपूर्ति ठप हो जाने के कारण 18 मरीजों की मौत हो गई. तमिलनाडु सरकार ने इस घटना की जांच कराने के संकेत दिए हैं.
as per ABP :
पिछले कई दिनों से बाढ़ का प्रकोप झेल रहे चेन्नई में मणपक्कम इलाके में अडयार नदी के किनारे बने एक मशहूर निजी अस्पताल के परिसर के कुछ हिस्से में बाढ़ का पानी घुस गया और सरकार के मुताबिक पिछले दो से तीन दिनों में वहां 18 लोगों की मौत हो गई.
पत्रकारों से बातचीत में कुछ मृतकों के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि वेंटिलेटर और ऑक्सीजन जैसी जीवन रक्षक व्यवस्थाओं पर रखे गए मरीजों को सहायता नहीं दी जा सकी क्योंकि जेनरेटर रूम में बाढ़ का पानी भर चुका था.
तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने पत्रकारों को बताया, ‘‘उस अस्पताल में आईसीयू में भर्ती 75 मरीजों में से वेंटिलेटर पर रखे गए 57 मरीजों को बाहर ले जाया गया. बाकी मरीजों की मौत पिछले दो-तीन दिनों में हुई. हमें अभी जल्दबाजी में यह नहीं कहना चाहिए कि बिजली न होने की वजह से मरीजों की मौत हुई.’’
तमिलनाडु के मुख्य सचिव के ज्ञानादेशिकन ने संवाददाता सम्मेलन में यहां कहा कि अस्पताल प्रशासन अपने मरीजों के हितों की रक्षा करने में ‘‘विफल’’ रहा है और राज्य सभी सरकारी और निजी अस्पतालों के मरीजों के हितों की रक्षा की भरसक कोशिश में जुटा है.
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