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- 31 मार्च 2015 को समाप्त हुए फाइनेंशियल ईयर को लेकर कराए गए सर्वेक्षण में सेक्स रेशियों के भी गिरने की बात सामने आई है।
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लखनऊ. प्रदेश में महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए चलाई जा रही
योजनाओं को लेकर कैग द्वारा यूपी के 20 जिलों में कराए गए सर्वे में चौकाने
वाला खुलासा हुआ है। प्रदेश में महिलाओंं के खिलाफ अपराधों में 61 फीसदी
तक बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं, पिछले साल की तुलना में रेप के 43 फीसदी मामले
बढ़े हैं, जबकि किडनैपिंग के मामलों में भी 21 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की
गई है।
- 31 मार्च 2015 को समाप्त हुए फाइनेंशियल ईयर को लेकर कराए गए सर्वेक्षण में सेक्स रेशियों के भी गिरने की बात सामने आई है।
- 2011 में जहां हर 1000 पुरुषों पर 908 महिलाएं थी। वहीं, 2015 में 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या घटकर 883 पर आ गई है।
- इसी के साथ ही प्रदेश में जननी सुरक्षा योजना के तहत संस्थागत प्रसव के मामलों में भी ज्यादा सुधार नहीं हुआ है।
- पिछले 3 सालों से लगातार स्थिति स्थिर है और अभी भी 42 फीसदी प्रसव अस्पतालों में नहीं हो रहा है।
क्या कहते हैं आकड़े...
- कैग की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2012-13 में रेप का शिकार होने वाली नाबालिग लड़कियों की संख्या 1033 थी।
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वह 2014-15 में 1619 पर पहुंच गई। इस दौरान नाबालिग लड़कियों की रेप की
कोशिश की घटनाएं 2280 से बढ़कर साल 2014-15 में 5297 तक पहुंच गई।
सपा सरकार में कानून-व्यवस्था की स्थिति सबसे खराब
- कांग्रेस विधायक अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि इस रिपोर्ट से साफ हो गया है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था सबसे खराब है।
- बीजेपी नेता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि यूपी में कानून-व्यवस्था बेहद खराब है। यहां गुंडाराज का माहौल है।
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