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नयी दिल्ली: भारत की
स्कॉर्पियन पनडुब्बियों की तकनीकी एवं रडार से बचने की क्षमताओं से जुड़ी
विस्तृत जानकारी वाले संवेदनशील दस्तावेज लीक हो गए हैं। रक्षा मंत्री
मनोहर पर्रिकर ने इस मामले में नौसेना प्रमुख से रिपोर्ट मांगी है। इन
स्कॉर्पियन पनडुब्बियों का डिजाइन फ्रांसीसी पोत निर्माता डीसीएनएस ने
तैयार किया है।
ऑस्ट्रेलिया के ‘द ऑस्ट्रेलियन’ अखबार के
अनुसार डीसीएनएस का कुल 22,400 पन्नों का जो डाटा लीक हुआ है उसमें भारत की
छह नई पनडुब्बियों की रडार से बच निकलने की गोपनीय क्षमता की जानकारी है। इसमें उन आवृत्तियों का भी जिक्र है, जिन पर ये खुफिया जानकारी जुटाती हैं। इसके अलावा इस डाटा में यह भी दर्ज है कि ये पनडुब्बियां गति के विभिन्न
स्तरों पर कितना शोर करती हैं और किस गहराई तक गोता लगा सकती हैं। इनकी
रेंज और मजबूती जैसी संवेदनशील और बेहद गोपनीय जानकारी इसी डाटा में है।
रिपोर्ट के मुताबिक ये आंकड़े पनडुब्बी के
चालक दल को यह बताते हैं कि नौका पर वे किस स्थान पर जाकर दुश्मन की नजर
से बचते हुए सुरक्षित तरीके से बात कर सकते हैं। आंकड़े चुंबकीय, विद्युत
चुंबकीय और इन्फ्रारेड डाटा का भी खुलासा करते हैं। इसके साथ ही ये
पनडुब्बी के तारपीडो प्रक्षेपण तंत्र और युद्धक तंत्र की विशिष्ट जानकारी
भी देते हैं।
इस डाटा में पेरिस्कोप का इस्तेमाल करने
के लिए जरूरी गति और स्थितियों का भी विवरण है। इसके अलावा पनडुब्बी के
पानी की सतह पर आने के बाद प्रोपेलर से होने वाले शोर और तरंगों के स्तर का
जिक्र भी इसमें है। अखबार द्वारा हासिल किए गए आंकड़ों में, पनडुब्बी के
पानी के अंदर वाले संसूचकों के बारे में जानकारी देने वाले 4457 पन्ने,
पानी के उपर लगे संसूचकों पर 4209 पन्ने, तारपीडो दागने के तंत्र से जुड़े
493 पन्ने, पनडुब्बी की संचार व्यवस्था पर 6841 पन्ने और इसके दिशासूचक
तंत्रों से जुड़े 2138 पन्ने हैं।
रक्षामंत्री ने बताया कि उन्होनें नौसेना
प्रमुख से कहा है कि वह पूरे मामले का अध्ययन करें और पता लगाएं कि क्या
लीक हुआ है? उसमें हमारे बारे में क्या जानकारी है और कितनी जानकारी है?
पर्रिकर के मुताबिक यह रात लगभग 12 बजे हुआ है और उन्होनें इसमें हैकिंग की
आशंका जताई है जिसका जल्द से पता लगाने का आश्वासन भी दिया है। रक्षा
मंत्री ने कहा कि वह इस लीक को 100 फीसदी नहीं मानते क्योंकि अंतिम एकीकरण
का एक बड़ा हिस्सा भारत के पास है।
नौसेना की ओर से कहा गया है कि स्कॉर्पीन
पनडुब्बियों से जुड़े दस्तावेजों की संदिग्ध लीक की जानकारी विदेशी मीडिया
हाउस द्वारा दी गई है और उपलब्ध जानकारी की जांच और विश्लेषण रक्षा
मंत्रालय के मुख्यालय पर किया जा रहा है। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की खबर के
अनुसार, इस लीक के बाद ऑस्ट्रेलिया में उसकी अपनी नौसेना के भावी बेड़े से
जुड़ी बेहद गोपनीय जानकारी की सुरक्षा को लेकर डर पैदा हो गया है। क्योंकि
फ्रांसीसी कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया की पनडुब्बियों के बेड़े को डिजाइन करने की
50 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर की निविदा में जीत हासिल की है।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैलकॉम
टर्नबुल ने कहा कि यह बात ध्यान देने योग्य है कि डीसीएनएस जो पनडुब्बी
भारत के लिए बना रही थी, वह उस मॉडल से पूरी तरह अलग है, जो वह ऑस्ट्रेलिया
के लिए बनाएगी। जो जानकारी लीक की गई, वह कई साल पुरानी है।
ऑस्ट्रेलियन पीएम के अनुसार कोई भी गोपनीय
जानकारी लीक होना चिंता का विषय है। खबर के अनुसार, डीसीएनएस ने कल
ऑस्ट्रेलिया को एक बार फिर यह आश्वासन देने की कोशिश की कि भारतीय
स्कॉर्पियन पनडुब्बी के बारे में जो जानकारी लीक हुई है, ऐसा ऑस्ट्रेलिया
के लिए प्रस्तावित पनडुब्बी के साथ नहीं होगा। कंपनी ने यह भी कहा कि यह
लीक संभवत: फ्रांस नहीं बल्कि भारत की ओर से हुई होगी।
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