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भगवान श्रीकृष्ण श्री विष्णु के आठवें अवतार हैं। सोलह कलाओं से परिपूर्ण दिव्यतम अवतार है मुरलीधर कान्हा। भारतीय जनमानस को हर रंग में रंगे उत्सवप्रिय श्रीकृष्ण हर अवतार से ज्यादा प्रिय लगते हैं। कृष्ण यानी जो आकर्षित करें, आकृष्ट करें। सही मायनों में श्रीकृष्ण जनमानस को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
यह स्वयं भगवान श्रीकृष्ण द्वारा बताया गया मूलमंत्र है। इसके प्रयोग से रुका हुआ धन प्राप्त होता है। इसके अलावा इस मूलमंत्र का जाप करने से घर-परिवार में सुख की वर्षा होती है।
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भगवान श्रीकृष्ण श्री विष्णु के आठवें अवतार हैं। सोलह कलाओं से परिपूर्ण दिव्यतम अवतार है मुरलीधर कान्हा। भारतीय जनमानस को हर रंग में रंगे उत्सवप्रिय श्रीकृष्ण हर अवतार से ज्यादा प्रिय लगते हैं। कृष्ण यानी जो आकर्षित करें, आकृष्ट करें। सही मायनों में श्रीकृष्ण जनमानस को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
यह स्वयं भगवान श्रीकृष्ण द्वारा बताया गया मूलमंत्र है। इसके प्रयोग से रुका हुआ धन प्राप्त होता है। इसके अलावा इस मूलमंत्र का जाप करने से घर-परिवार में सुख की वर्षा होती है।
- कृ कृष्णाय नमः
- ॐ श्री नमः श्री कृष्णाय परिपूरडमाए स्वाहा
- गोवल्लभाये स्वाहा
- गोकुल नाथाय नमः
- क्लीम ग्लोम क्लीम श्यामलांगाय नमः
- ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय
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