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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अधिकारियों को छात्रों की शिकायतों का निवारण करने का निर्देश दिया और राज्यों से कहा कि पांच से 18 साल के आयु वर्ग के बच्चों का आधार पंजीकरण तेजी से कराया जाए ताकि उनके लिए छात्रवृत्ति और अन्य शैक्षणिक लाभ सुलभ हो सके।
मोदी ने पंजाब, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, सिक्किम और महाराष्ट्र समेत अनेक राज्यों में सड़क, रेलवे और बिजली क्षेत्रों की महत्वपूर्ण बुनियादी संरचना परियोजनाओं की प्रगति का भी जायजा लिया।
प्रोएक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन (प्रगति) की 14वीं बैठक में यह समीक्षा की गयी। इस आईसीटी आधारित मल्टीमॉडल प्लेटफॉर्म की शुरूआत प्रधानमंत्री द्वारा राज्यों के शीर्ष अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मासिक संवाद के लिए की गयी थी।
स्कूली शिक्षा और साक्षरता से संबंधित शिकायतों को निपटाने और उनका समाधान करने की प्रगति की समीक्षा करते हुए मोदी ने कहा कि अब लोगों को इस तरह की अपेक्षा है कि सरकार इन शिकायतों का निवारण कर पाएगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने खासतौर पर संबंधित अधिकारियों से छात्रों की शिकायतों पर ध्यान देने के लिए उनके द्वारा उठाये जाने वाले कदमों को व्यवस्थित करने को कहा। इसमें कहा गया कि मोदी ने उन्हें निर्देश दिया कि स्कूली बच्चों को असुविधा का सामना न करना पड़े, इसके लिए सभी उपलब्ध तकनीकी साधनों का इस्तेमाल किया जाए।
मोदी ने इस बाबत सभी मंत्रालयों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के व्यापक इस्तेमाल के लिए दिये गये अपने पिछले निर्देशों की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि इससे परीक्षा केंद्रों के सही ठिकाने का पता करने में मदद मिल सकती है ताकि वहां तक पहुंचने में छात्रों की कठिनाइयां दूर हों।
सुगम्य भारत अभियान के कार्यों की समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री को स्कूलों, सार्वजनिक भवनों और रेलवे स्टेशनों आदि में सुगम्यता बढ़ाने में हुई प्रगति से अवगत कराया गया। बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने इस संबंध में केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों द्वारा दिखाई गयी संवेदनशीलता की सराहना की। इसमें कहा गया कि आधार पंजीकरण के मूल्यांकन के दौरान यह बात संज्ञान में आई कि यह संख्या 105 करोड़ के आसपास है और पूर्वोत्तर राज्यों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जो इस संबंध में पीछे हैं।
वक्तव्य के अनुसार, ‘प्रधानमंत्री ने राज्यों से अनुरोध किया कि पांच से 18 साल आयुवर्ग के बच्चों के पंजीकरण को तेज किया जाए ताकि छात्रवृत्तियां और अन्य शैक्षणिक फायदे उनके लिए अधिक सुलभ हो जाएं।’ बुनियादी संरचना के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने नांगल बांध-तलवाड़ा रेलवे लाइन जैसी परियोजनाओं की समीक्षा की, जिसे सबसे पहले 1981-82 में मंजूरी दी गयी थी और तब से लंबित पड़ी है।
प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश और पंजाब के मुख्य सचिवों द्वारा जमीनी स्तर पर काम को सुगम बनाने की जरूरत पर जोर दिया ताकि परियोजना में और अधिक देरी से बचा जा सके। खबरों के अनुसार इस 84 किलोमीटर लंबी रेल लाइन पर करीब 55 प्रतिशत काम ही पूरा हुआ है। यह रेलमार्ग पंजाब और हिमाचल प्रदेश से होकर गुजरता है।
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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अधिकारियों को छात्रों की शिकायतों का निवारण करने का निर्देश दिया और राज्यों से कहा कि पांच से 18 साल के आयु वर्ग के बच्चों का आधार पंजीकरण तेजी से कराया जाए ताकि उनके लिए छात्रवृत्ति और अन्य शैक्षणिक लाभ सुलभ हो सके।
मोदी ने पंजाब, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, सिक्किम और महाराष्ट्र समेत अनेक राज्यों में सड़क, रेलवे और बिजली क्षेत्रों की महत्वपूर्ण बुनियादी संरचना परियोजनाओं की प्रगति का भी जायजा लिया।
प्रोएक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन (प्रगति) की 14वीं बैठक में यह समीक्षा की गयी। इस आईसीटी आधारित मल्टीमॉडल प्लेटफॉर्म की शुरूआत प्रधानमंत्री द्वारा राज्यों के शीर्ष अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मासिक संवाद के लिए की गयी थी।
स्कूली शिक्षा और साक्षरता से संबंधित शिकायतों को निपटाने और उनका समाधान करने की प्रगति की समीक्षा करते हुए मोदी ने कहा कि अब लोगों को इस तरह की अपेक्षा है कि सरकार इन शिकायतों का निवारण कर पाएगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने खासतौर पर संबंधित अधिकारियों से छात्रों की शिकायतों पर ध्यान देने के लिए उनके द्वारा उठाये जाने वाले कदमों को व्यवस्थित करने को कहा। इसमें कहा गया कि मोदी ने उन्हें निर्देश दिया कि स्कूली बच्चों को असुविधा का सामना न करना पड़े, इसके लिए सभी उपलब्ध तकनीकी साधनों का इस्तेमाल किया जाए।
मोदी ने इस बाबत सभी मंत्रालयों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के व्यापक इस्तेमाल के लिए दिये गये अपने पिछले निर्देशों की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि इससे परीक्षा केंद्रों के सही ठिकाने का पता करने में मदद मिल सकती है ताकि वहां तक पहुंचने में छात्रों की कठिनाइयां दूर हों।
सुगम्य भारत अभियान के कार्यों की समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री को स्कूलों, सार्वजनिक भवनों और रेलवे स्टेशनों आदि में सुगम्यता बढ़ाने में हुई प्रगति से अवगत कराया गया। बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने इस संबंध में केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों द्वारा दिखाई गयी संवेदनशीलता की सराहना की। इसमें कहा गया कि आधार पंजीकरण के मूल्यांकन के दौरान यह बात संज्ञान में आई कि यह संख्या 105 करोड़ के आसपास है और पूर्वोत्तर राज्यों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जो इस संबंध में पीछे हैं।
वक्तव्य के अनुसार, ‘प्रधानमंत्री ने राज्यों से अनुरोध किया कि पांच से 18 साल आयुवर्ग के बच्चों के पंजीकरण को तेज किया जाए ताकि छात्रवृत्तियां और अन्य शैक्षणिक फायदे उनके लिए अधिक सुलभ हो जाएं।’ बुनियादी संरचना के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने नांगल बांध-तलवाड़ा रेलवे लाइन जैसी परियोजनाओं की समीक्षा की, जिसे सबसे पहले 1981-82 में मंजूरी दी गयी थी और तब से लंबित पड़ी है।
प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश और पंजाब के मुख्य सचिवों द्वारा जमीनी स्तर पर काम को सुगम बनाने की जरूरत पर जोर दिया ताकि परियोजना में और अधिक देरी से बचा जा सके। खबरों के अनुसार इस 84 किलोमीटर लंबी रेल लाइन पर करीब 55 प्रतिशत काम ही पूरा हुआ है। यह रेलमार्ग पंजाब और हिमाचल प्रदेश से होकर गुजरता है।
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