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मथुरा. बच्चे के जन्मदिन पर जिस तरह घर सजाते हैं, पूरा
मथुरा-वृंदावन वैसा ही सजा है। कान्हा का जन्मदिन मनाने के लिए मथुरा में
जन्मस्थान और वृंदावन के द्वारिकाधीश मंदिर में खास तैयारियां की गई हैं।
यूं तो ब्रज का हर घर मंदिर है, पर जन्मस्थान की ओर जाने वाली सभी सड़कों पर
लाल कालीन बिछाए गए हैं। कोई घर ऐसा नहीं है, जहां पीले, नारंगी, हरी
पत्तियों की तोरण पताकाएं न लगीं हों। हर दरवाजे पर रंगोली सजी है। कोई
दीवार ऐसी नहीं है जिस पर कुमकुम के साथिए न बने हों। बेटी बचाओ की थीम...
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इस बार कृष्ण जन्मोत्सव की थीम बेटी बचाओ रखी गई है। मथुरा में जन्मस्थान
के आसपास के इलाके में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के पोस्टर लगे हैं।
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रियो में मेडल जीतने वाली पीवी सिंधु और साक्षी मलिक की तस्वीरें लगाई गई
हैं। जन्मस्थान के अधिकारी बताते हैं कि कृष्ण जन्माष्टमी पर लोगों को शपथ
दिलवाई जा रही है कि अब बेटी को न मरने देंगे।
- यही कृष्ण के
प्रति हमारी सच्ची श्रद्धा होगी। द्वापर युग में भी कान्हा के बदले लाई गई
आठवीं संतान, जो कि लड़की थी, कंस के हाथों से छिटककर आसमान में चली गई थी।
- पुजारी कपिल शर्मा कहते हैं कि अभिषेक के समय पंडितों की ओर से जो उत्सव संकल्प दिलाया जाएगा, वह कन्या बचाने का ही होगा।
- इस बार जन्माष्टमी पर करीब 30 लाख लोग मथुरा-वृंदावन पहुंच रहे हैं। पिछली बार ये संख्या 20 लाख थी।
मथुरा में पहली बार चंद्रकमल से प्रकट होंगे बाल गोपाल
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जन्मस्थान में पहली बार कान्हा का प्राकट्य चांदी के कमल से होगा। इस कमल
को इस तरह डिजाइन किया गया है कि जन्म की घड़ी आते ही पंखुड़ियां अपने आप
खुलेंगी और इसके बाद कृष्ण सबको दर्शन देंगे।
- पहली बार जन्माष्टमी का रेडियो पर सीधा प्रसारण किया जा रहा है। रात 11.10 से 12.15 तक देशभर में इसका लाइव प्रसारण होगा।
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मथुरा जंक्शन से लेकर बस स्टैंड तक जहां-तहां लोग सामान के साथ बैठे-लेटे
नजर आ रहे हैं। मथुरा से वृंदावन तक के सभी धर्मशाला, होटल, गेस्ट हाउस,
आश्रम और मंदिरों के अतिथि गृह मेहमानों से भरे हैं।
- पंडे,
पुरोहित, धर्मगुरुओं और कथावाचकों के घर भी यजमानों से अटे पड़े हैं।
द्वारिकाधीश मंदिर से जुड़े राकेश तिवारी कहते हैं कि यदि पचास-सौ गेस्ट
हाउस और बन जाएं, तो शायद वे भी कम पड़ जाएं।
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