सत्ता का सुख बरकरार रहेगा बताती है सुषमा स्वराज की कुंडली

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बैंगलोर  :  सज्जनता, गम्भीरता, वाक्पटुता और बुद्धिमत्ता जिनके व्यक्तित्व में झलकती है, उनका नाम है सुषमा स्वराज। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपने राजनैतिक करियर की शुरूआत करने वाली सुषमा स्वराज आज भारत की दूसरी महिला विदेश मंत्री के पद पर विराजमान है। भारत की विदेश नीति को सफल व प्रभावशाली बनाने में आपकी महती भूमिका रही है।

प्रगति की अत्यधिक भावना आपका जन्म 14 फरवरी सन् 1952 को सुबह 4 बजकर 15 मि0 पर अम्बाला में हुआ था। उस समय क्षितिज पर धनु लग्न उदित हो रही है। धनु राशि एक द्विस्वभाव राशि है। आपके स्वभाव में प्रगति की अत्यधिक भावना है। प्रगति की तीन दिशायें हो सकती है, बौद्धिक, भौतिक व आध्यात्मिक। आप लक्ष्य प्राप्ति के लिए चेष्टाकुल रहती है।

सत्ता का सुख वर्तमान में आपकी कुण्डली में शनि की महादशा में सूर्य का अन्तर चल रहा है। शनि द्वतीयेश व पराक्रमेश होकर दशम भाव में अपनी मित्र राशि में वक्री होकर बैठा है। शनि राज्य भाव में बैठा है, इसलिए सत्ता का सुख मिलता रहेगा।

वृद्ध लोगों से वैचारिक मतभेद सूर्य भाग्येश है किन्तु राहु के साथ शनि की राशि कुम्भ में बैठा है। राहु के साथ सूर्य का होना पितृ दोष कारक होता है एंव सूर्य का बल भी कम हो जाता है। दूसरी ओर शनि और सूर्य का आपस में वैचारिक विरोधाभास रहता है। शनि वृद्ध है व सूर्य युवा जिस कारण आपका वृद्ध लोगों से वैचारिक मतभेद चलता रहेगा।

राहु षडयन्त्र का कारक 1 मार्च से 22 अप्रैल तक राहु का प्रत्यन्तर चलेगा। राहु षडयन्त्र का कारक है। राहु विरोधियों को अक्रामक बनाकर छवि को धूमिल करने का प्रयास करेगा, किन्तु आप-अपनी त्वरित बुद्धि से हर समस्या का समाधान खोज लेंगी।

राजनैतिक पद में बदलाव के संकेत 02 अगस्त से शनि की दशा में सूर्य का अन्तर व बुध का प्रत्यन्तर शुरू हो जायेगा। बुध सप्तमेश व दशमेश होकर द्वतीय भाव पर कब्जा हुये है। सूर्य व बुध आपस में मित्रवत सम्बंध रखते है। इस समय आपके राजनैतिक पद में बदलाव के संकेत नजर आ रहे है। आपके मान-सम्मान में वृद्धि होगी एंव कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां भी आपको सौंपी जा सकती है।



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