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नई दिल्ली: आर्थिक गतिविधियों और श्रम उत्पादकता में सुधार के साथ घरेलू विमानन क्षेत्र में अगले दो दशक में करीब 40 लाख लोगों के लिए जोगार के अवसर मिलने का अनुमान है. नागर विमानन मंत्रालय के एक अध्ययन में यह कहा गया है.
अध्ययन में विभिन्न स्तरों पर कौशल विकास कार्यक्रमों की जरूरत पर बल देते हुए नेशनल सिविल एविएशन ट्रेनिंग एन्टिटी (एनसीएटीई) गठित करने का सुझाव दिया गया है.
इक्रा मैनेजमेंट कंसल्टेंसी सर्विसेज लि. द्वारा किया गया अध्ययन ऐसे समय सामने आया है जब मंत्रालय नागर विमानन नीति को अंतिम रूप देने की अग्रिम अवस्था में है.
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हमारा अनुमान है कि 2035 तक भारतीय विमानन क्षेत्र प्रत्यक्ष रूप से 80 हजार से एक लाख लोगों को और परोक्ष रूप से 30 लाख लोगों को रोजगार देगा.’’ यह अनुमान आर्थिक स्थिति और श्रम उत्पादकता में सुधार जैसी बातों को ध्यान में रखकर किया गया है.
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नई दिल्ली: आर्थिक गतिविधियों और श्रम उत्पादकता में सुधार के साथ घरेलू विमानन क्षेत्र में अगले दो दशक में करीब 40 लाख लोगों के लिए जोगार के अवसर मिलने का अनुमान है. नागर विमानन मंत्रालय के एक अध्ययन में यह कहा गया है.
अध्ययन में विभिन्न स्तरों पर कौशल विकास कार्यक्रमों की जरूरत पर बल देते हुए नेशनल सिविल एविएशन ट्रेनिंग एन्टिटी (एनसीएटीई) गठित करने का सुझाव दिया गया है.
इक्रा मैनेजमेंट कंसल्टेंसी सर्विसेज लि. द्वारा किया गया अध्ययन ऐसे समय सामने आया है जब मंत्रालय नागर विमानन नीति को अंतिम रूप देने की अग्रिम अवस्था में है.
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हमारा अनुमान है कि 2035 तक भारतीय विमानन क्षेत्र प्रत्यक्ष रूप से 80 हजार से एक लाख लोगों को और परोक्ष रूप से 30 लाख लोगों को रोजगार देगा.’’ यह अनुमान आर्थिक स्थिति और श्रम उत्पादकता में सुधार जैसी बातों को ध्यान में रखकर किया गया है.
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