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हौसले का एक नया नाम अगर खोजने चलें तो वह अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय में पढ़ रहे असम के छात्र अबु सलीम चौधरी का नाम हो सकता है। शारीरिक विकास रुकने की बेहद दुर्लभ बीमारी (क्रेटेनिस्म) से ग्रस्त अबु सलीम चौधरी ने पर्सियन में मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद यहां शनिवार को 63वें दीक्षांत समारोह में दो गोल्ड मेडल हासिल किए हैं।
यह खबर जब फोन पर अबु सलीम ने अपने परिवार को दी तो परिजनों का रूंधा हुआ गला बता रहा था कि उनकी आंखों में वहां हजारों किलोमीटर दूर खुशी की नमी तैर गई है। इस मौके पर अबु सलीम ने कहा वक्त ने उसके जिस्म को आगे बढ़ने से भले ही रोक दिया हो लेकिन वह इन गोल्ड मेडल से मिले हौसले की बदौलत दुनिया की दौड़ में आगे बढ़ जाएगा।
साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले अबु सलीम की उम्र 24 साल है लेकिन वह किसी 12-14 साल के बच्चे की तरह दिखता है। एमएम हॉल में रह रहे अबु सलीम चौधरी ने दो साल पहले असम यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद एएमयू में एडमिशन लिया था।
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हौसले का एक नया नाम अगर खोजने चलें तो वह अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय में पढ़ रहे असम के छात्र अबु सलीम चौधरी का नाम हो सकता है। शारीरिक विकास रुकने की बेहद दुर्लभ बीमारी (क्रेटेनिस्म) से ग्रस्त अबु सलीम चौधरी ने पर्सियन में मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद यहां शनिवार को 63वें दीक्षांत समारोह में दो गोल्ड मेडल हासिल किए हैं।
यह खबर जब फोन पर अबु सलीम ने अपने परिवार को दी तो परिजनों का रूंधा हुआ गला बता रहा था कि उनकी आंखों में वहां हजारों किलोमीटर दूर खुशी की नमी तैर गई है। इस मौके पर अबु सलीम ने कहा वक्त ने उसके जिस्म को आगे बढ़ने से भले ही रोक दिया हो लेकिन वह इन गोल्ड मेडल से मिले हौसले की बदौलत दुनिया की दौड़ में आगे बढ़ जाएगा।
साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले अबु सलीम की उम्र 24 साल है लेकिन वह किसी 12-14 साल के बच्चे की तरह दिखता है। एमएम हॉल में रह रहे अबु सलीम चौधरी ने दो साल पहले असम यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद एएमयू में एडमिशन लिया था।
पूर्वोत्तर से उत्तर भारत तक अबु सलीम को थोड़ी भी भाषा की हिचकिचाहट थी तो थोड़ा माहौल भी अलग था। कुदरत ने भी जन्म से एक ऐसी बीमारी दे दी थी जिससे कभी कभी आत्मविश्वास भी कमजोर पड़ जाता था, लेकिन दिल में कुछ कर गुजरने की इच्छाशक्ति थी जिसका सिला गोल्ड मेडल के रूप में मिला। एक मेडल फैकल्टी टॉप करने के लिए तो दूसरा डिपार्टमेंट टॉप करने के लिए मिला है।
क्या है यह बीमारी
डॉ. जयंत चौधरी, सचिव, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, अलीगढ़ ने बताया कि ‘उम्र के अनुसार शारीरिक विकास न होना या फिजिकल ग्रोथ का रुक जाना बेहद दुर्लभ किस्म की बीमारी (क्रेटेनिस्म) है। जो जेनेटिकल डिसआर्डर के साथ ही कुछ जन्नजात कारणों के चलते होती है। यह लाखों लोगों में से किसी एक में देखी गई है। ग्रसित व्यक्ति को सामाजिक रूप से कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कुछ हद तक और कुछ मामलों में ही इसका उपचार संभव है।’
क्या है यह बीमारी
डॉ. जयंत चौधरी, सचिव, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, अलीगढ़ ने बताया कि ‘उम्र के अनुसार शारीरिक विकास न होना या फिजिकल ग्रोथ का रुक जाना बेहद दुर्लभ किस्म की बीमारी (क्रेटेनिस्म) है। जो जेनेटिकल डिसआर्डर के साथ ही कुछ जन्नजात कारणों के चलते होती है। यह लाखों लोगों में से किसी एक में देखी गई है। ग्रसित व्यक्ति को सामाजिक रूप से कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कुछ हद तक और कुछ मामलों में ही इसका उपचार संभव है।’
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