दुनिया जिस ISIS से खौफ खाती है उस आतंकी संगठन को लगता है एक शख्स से डर. अपने ग्रुप के साथ आईएसआईएस का मुकाबला कर रहा इराक का ये रीयल लाइफ रैंबो अब तक अकेले 15 सौ से ज्यादा आतंकवादियों की जान ले चुका है और ये गितनी अब भी जारी है.
अबु अजरैल अल रुबई नाम का यह शख्स आईएसआईएस का दुश्मन नंबर एक और इराक के अमनपसंद लोगों का सबसे बड़ा हीरो है. एक शख्स, जिससे आईएसआईएस के आतंकवादी भी खौफ खाते हैं. और इसकी वजह है कि वो अकेले ही अपने हाथों से 15 सौ से भी ज्यादा आतंकवादियों को मौत की नींद सुला चुका है. वैसे तो अकेले इतने आतंकवादियों को मार गिराने की बात अपने-आप में बड़ी अजीब लगती है, लेकिन जिस तरह वो सुबह से लेकर रात तक आईएसआईएस के आतंकवादियों को उनकी मांद में घुस कर चुन-चुन कर मारता है, उसके लिए अब ये बात नामुमकिन नहीं लगती. अबु अज़रैल की शख्सियत ऐसी करिश्माई है कि उसके नाम पर जहां दुनिया भर में कई फेसबुक पेज बनाए जा चुके हैं, वहीं फेसबुक पर ही 5 लाख से ज्यादा फॉलोअर हैं.
कौन है अबु अजरैल
40 साल का अबु अजरैल मूल रूप से इरान का रहनेवाला है. और वहां की यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के तौर पर काम भी कर चुका है. लेकिन आईएसआईएस के शिया मुसलमानों के खिलाफ चलाए जा रहे कत्लेआम के सिलसिले को देख कर उसने दो साल पहले कुछ अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ कर इमाम अली ब्रिगेड ज्वाइन कर ली और इराक में ही रहने लगा. अबू अजरेल पहले तो कुछ समय तक एक आम लड़ाके के तौर पर ही मिलिशिया का मैंबर रहा, लेकिन जल्द ही यह पूर्व ताइक्वांडो चैंपियन न सिर्फ अपने ग्रुप का लीडर बन गया, बल्कि इराक में आईएसआईएस के खिलाफ लड़ने वाला सबसे बड़ा लड़ाका और चेहरा भी बन गया. ये उसकी दिलेरी ही है कि आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठन से टकराने और हर पल मौत के साए में रहने के बावजूद उसके चेहरे पर खौफ की एक हल्की की लकीर तक नज़र नहीं आती.
40 साल का अबु अजरैल मूल रूप से इरान का रहनेवाला है. और वहां की यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के तौर पर काम भी कर चुका है. लेकिन आईएसआईएस के शिया मुसलमानों के खिलाफ चलाए जा रहे कत्लेआम के सिलसिले को देख कर उसने दो साल पहले कुछ अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ कर इमाम अली ब्रिगेड ज्वाइन कर ली और इराक में ही रहने लगा. अबू अजरेल पहले तो कुछ समय तक एक आम लड़ाके के तौर पर ही मिलिशिया का मैंबर रहा, लेकिन जल्द ही यह पूर्व ताइक्वांडो चैंपियन न सिर्फ अपने ग्रुप का लीडर बन गया, बल्कि इराक में आईएसआईएस के खिलाफ लड़ने वाला सबसे बड़ा लड़ाका और चेहरा भी बन गया. ये उसकी दिलेरी ही है कि आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठन से टकराने और हर पल मौत के साए में रहने के बावजूद उसके चेहरे पर खौफ की एक हल्की की लकीर तक नज़र नहीं आती.
0 comments:
Post a Comment