कर्ज डिफॉल्ट मामले में माल्या के घर-दफ्तर पर सीबीआई का छापा....














as per ABP news:



केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 900 करोड़ के कथित बैंक कर्ज डिफॉल्ट मामले में आज शराब कारोबारी विजय माल्या के घर, दफ्तर और उनकी बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइन्स के परिसरों समेत पांच जगहों की तलाशी ली. यह कर्ज आइडीबीआई बैंक से लिया गया था.

सीबीआई सूत्रों ने कहा कि माल्या के मुंबई, गोवा, बेंगलूर और अन्य स्थानों में दफ्तर और आवासीय परिसरों की तलाशी ली गई. उन्होंने बताया कि एजेंसी ने माल्या, बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइन्स के निदेशक, कंपनी, ए रघुनाथन, विमानन कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी और आईडीबीआई बैंक के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

ऐसा आरोप है कि लोन सीमा के मामले में नियमों का उल्लंघन कर कर्ज दिया गया. बहरहाल, सीबीआई की इस कारवाई के बारे में कंपनी से तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी.

सीबीआई सूत्रों ने कहा कि हाल ही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा वसूले न जा सकने वाले लोन (एनपीए) के मामले में आपराधिक पहलुओं की व्यापक जांच के अंग के तौर पर कथित उल्लंघन के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई है.

सूत्रों ने बताया कि बैंक को कंसोर्टियम से बाहर लोन देने की कोई जरूरत नहीं थी.

माल्या को जल्दी ही इस मामले में पूछ-ताछ के लिए बुलाया जाएगा. विजय माल्या मामले की जांच करने वाले सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था, ‘‘यह बैंक के लिए पहला लोन था. बैंक को बैंक समूह से बाहर लोन देने की कोई जरूरत नहीं थी खासकर तब जब दूसरे लोन की वसूली में परेशानी आ रही थी.’’ बैंक को अपनी आंतरिक रिपोर्ट में दी गई चेतावनी को नजरंदाज कर विमानन कंपनी को लोन देने की वजह बतानी होगी.

लोन बोझ तले दबी विमानन कंपनी ने अक्तूबर 2012 में परिचालन बंद कर दिया.

सीबीआई सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने सरकारी बैंकों द्वारा कंपनियों को दिये गये कर्ज और उसकी वसूली नहीं हो पाने से जुड़े 27 मामले वर्ष 2013 में दर्ज किये हैं.

गौरतलब है कि 17 बैंकों के कंसोर्टियम का किंगफिशर पर 7,000 करोड़ रुपए बकाया है और सबसे ज्यादा 1,600 करोड़ रुपए का बकाया भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का है.

तत्कालीन सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने कहा था कि बैंकों का ज्यादातर एनपीए 30 बड़े डिफॉल्टर खातों से जुड़ा है.

सीबीआई के एक प्रवक्ता ने नई दिल्ली में कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी के तहत आपराधिक षडयंत्र के साथ-साथ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के विश्वास का आपराधिक हनन प्रावधान के तहत मामला दर्ज किया गया है.

प्रवक्ता ने कहा ‘‘आईडीबीआई के अधिकारियों ने विमानन कंपनी के प्रवर्तक-निदेशक और मुख्य वित्त अधिकारी के साथ कथित तौर पर मिली-भगत की और बैंकिंग मानदंडों का उल्लंघन कर करीब 900 करोड़ रुपए का लोन प्रदान किया जिससे बैंक को नुकसान हुआ.’’
Share on Google Plus

About PPN

0 comments:

Post a Comment