न्यूयॉर्क: पूरी दुनिया भारत के जुगाड़ टेक्नोलॉजी का लोहा मानती है. जुगाड़ टेक्नोलॉजी से कई अनोखे काम तो होते हैं लेकिन क्या आप ने सोचा है कि जुगाड़ टेक्नोलॉजी किसी बच्चे की जान भी बचा सकती है. जी हाँ भारतीय मूल के तेज दिमाग डॉक्टर ने जुगाड़ टेक्नोलॉजी से उड़ते प्लेन में एक 2 साल के बच्चे की जान बचाई, जिसको प्लेन में अचानक अस्थमा का अटैक आ गया था
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डॉक्टर ने बच्चे को बचाने लिए तेजी से कप और बोतल के प्रयोग से इनहिलर बनाया और अस्थमा के अटैक को कंट्रोल कर लिया.
न्यूयॉर्क में रहने वाले डॉक्टर खुर्शीद गुरू कनाडा की प्लाइट से स्पेन से 18 सितंबर को अमेरिका जा रहे थे. जहां उन्होंने 2 साल के बच्चे को परेशानी में देखा. बच्चा रो रहा था और उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. माता-पिता गलती से बच्चे की दवा को गलती से चेकइन लगेज में डाल दिया जो कि अंदर कार्गो शिप में रख दिया जाता है.
डॉक्टर गुरू ने बताया, बच्चे को सर्दी-जुकाम हो गया था और हम तीन-चार घंटे से फ्लाइट में थे. ठंड की वजह से बच्चे के कान बंद हो गए थे और बच्चे की रोते-रोते बूरी हालत हो गई थी. प्लेन के ऊपर जाने से ऑक्सीजन कम हो जाती है जो बच्चे के लिए खतरनाक होता है. बच्चे को ऑक्सीजन के साथ अस्थमा की दवाई की भी जरूरत थी. जबकि प्लेन में सिर्फ बड़े लोगों के लिए इनहिलर मौजूद था जो बच्चे को फिट नहीं हो रहा था.
जम्मू कश्मीर के मूलनिवासी डॉक्टर गुरू ने बच्चे की जान बचाने के लिए जुगाड़ लगाते हुए बोतल को काट कर एक नेबुलाइजर जैसी डिवाइस बनाई जिससे बच्चे को ऑक्सीजन और अस्थमा की दवाई साथ-साथ दी और बच्चे की जान बचाने में कामयाब रहे.
डॉक्टर गुरू ने बताया बच्चे के मुंह के पास इनहिलर ले जाने पर उसने हटा दिया, फिर एक कप में छोटा सा छेंद कर के डिवाइस को बच्चे के मुँह की तरफ कर दिया. जिससे आधे घंटे में दो बार इलाज करने के बाद बच्चे की हालत में सुधार हो गया.
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