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पहला हमला:
पहला हमला बारामुल्ला के उड़ी में हुआ जहां आतंकियों ने सेना के एक कैम्प पर फिदायीन हमला किया। तड़के साढ़े तीन बजे किए गए हमले में समाचार भिजवाए जाने तक 17 की मौत हो चुकी थी। इनमें सेना के 8 जवान, राज्य पुलिस के तीन जवान और 6 हमलावर आतंकी भी शामिल थे। तड़के साढ़े तीन बजे 6 से 7 फिदायीनों ने उड़ी के मोहरा स्थित सेना की फील्ड आर्टिलरी यूनिट पर फिदायीन हमला बोला तो बाहर डयूटी कर रहे उड़ी पुलिस स्टेशन के कई पुलिसकर्मी चपेट में आ गए। नतीजतन उड़ी पुलिस स्टेशन में तैनात एएसआई अकबर लोन, हेड कांस्टेबल अब्दुल मजीद और कास्टेबल संजय की मौके पर ही मौत हो गई और उड़ी पुलिस स्टेशन के एसएचओ एक सब इंस्पेक्टर बुरी तरह से जख्मी हो गया। सभी फिदायीन भीषण गोलीबारी करते हुए और हथगोलों को दागते हुए सेना कैम्प में जा घुसे। संतरी ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उसे भी मार दिया गया। हालांकि एक आतंकी जवाबी कार्रवाई में जरूर मारा गया। जबकि बाकी कैम्प के भीतर जा घुसे थे। आतंकियों द्वारा हथगोलों और राकेट लांचरों का इस्तेमाल करने से मुठभेड़ भीषण हो गई थी। आतंकियों द्वारा फेंके गए बमों के कारण शिविर के भीतर कई जगहों पर आग भी लग गई थी जिसे बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां बुलाई गई थीं पर वे भीषण गोलीबारी के कारण अभी तक कैम्प के भीतर नहीं जा पाई थीं। उड़ी में हुए हमले में अभी तक सेना के 24 पंजाब रेजिमेंट के लेफ्टिनेंट कर्नल संकल्प कुमार समेत 8 जवानों की मौत हो गई। इस हमले में 6 फिदायीनों को ढेर कर दिया गया। उड़ी में सेना के जो 8 जवान शहीद हुए उनमें से 4 की मौत जिन्दा जलने से उस समय हुई जब आतंकियों ने सोए हुए जवानों के बैरक को आग लगा दी थी। यह पहला मौका था कि आतंकियों ने हमले के दौरान पहले अपने आपको दो हिस्सों में बांट कर दोहरे हमले किए थे और दूसरे ग्रुप ने बैरकों को आग लगानी आरंभ की थी।
दूसरा हमला:
इस हमले से अभी सुरक्षाकर्मी जूझ ही रहे थे कि आतंकियों ने श्रीनगर के सौरा इलाके में हमला बोल दिया। सौरा में मुठभेड़ उस समय आरंभ हुई जब सुरक्षाबलों ने एक कार में सवार लोगों को रोका तो कार में सफर कर रहे लश्करे तौयबा के आतंकियों ने हमला बोल दिया। जवाबी कार्रवाई में लश्करे तौयबा के दो आतंकियों को मार गिराया गया जिनमें वांछित कमांडर कारी इसरार भी शामिल था। इस हमले में कई पुलिसवाले जख्मी हो गए थे।
तीसरा हमला:
आतंकियों के हमले यहीं पर नहीं रूके थे. आतंकियों ने इसके बाद शोपियां को निशाना बनाया था। उन्होंने शोपियां के पुलिस स्टेशन के पास एक पुलिस पार्टी को निशाना बना हथगोलों से हमले किए जिसके परिणाम में कई पुलिसवाले जख्मी हो गए। हमले के बाद इलाके को घेर लिया गया था और आतंकियों की तलाश की जारी थी।
चौथा हमला:
आतंकियों ने अपने ताबड़ तोड़ हमलों के क्रम को जारी रखते हुए दोपहर साढ़े तीन बजे पुलवामा के त्राल इलाके के बस अडडे पर हथगोलों से हमला कर दिया। इस हमले में समाचार भिजवाए जाने तक6 लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे जिसमें से तीन की दशा नाजुक है। जानकारी के लिए ताजा हमले उन्हीं स्थानों पर हुए हैं जहां अभी मतदान होना है और जहां प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की रैलियां आयोजित की जानी हैं।
याद रहे 8 दिसम्बर को प्रधानमंत्री कश्मीर का दौरा कर चुनावी रैलियों को संबोधित करने वाले हैं और कल ही यह आशंका जताई जा रही थी कि आतंकी चुनावी माहौल को दहशतजदा करने की खातिर कई स्थानों पर आत्मघाती हमले कर सकते हैं। हालांकि श्रीनगर में तो फिदयीन हमलों से निपटने की खातिर उपाय किए जा रहे थे लेकिन अन्य क्षेत्रों में बरती गई ढील का नतीजा ही था कि आतंकी उड़ी के सैन्य शिविर पर फिदायीन हमला करने में कामयाब रहे थे।
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श्रीनगर. आज आतंकियों ने ताबड़ तोड़ चार हमले कर पूरे
कश्मीर को दहला दिया। चार हमलों में सेना के एक बड़े अफसर समेत 11
सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए और कुल 8आतंकियों को ढेर कर दिया गया। इन हमलों
में बीसियों पुलिसवाले और सैनिक गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। समाचार भिजवाए
जाते समय उड़ी और सौरा में मुठभेड़ें खत्म हो गई हैं।
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पहला हमला:
पहला हमला बारामुल्ला के उड़ी में हुआ जहां आतंकियों ने सेना के एक कैम्प पर फिदायीन हमला किया। तड़के साढ़े तीन बजे किए गए हमले में समाचार भिजवाए जाने तक 17 की मौत हो चुकी थी। इनमें सेना के 8 जवान, राज्य पुलिस के तीन जवान और 6 हमलावर आतंकी भी शामिल थे। तड़के साढ़े तीन बजे 6 से 7 फिदायीनों ने उड़ी के मोहरा स्थित सेना की फील्ड आर्टिलरी यूनिट पर फिदायीन हमला बोला तो बाहर डयूटी कर रहे उड़ी पुलिस स्टेशन के कई पुलिसकर्मी चपेट में आ गए। नतीजतन उड़ी पुलिस स्टेशन में तैनात एएसआई अकबर लोन, हेड कांस्टेबल अब्दुल मजीद और कास्टेबल संजय की मौके पर ही मौत हो गई और उड़ी पुलिस स्टेशन के एसएचओ एक सब इंस्पेक्टर बुरी तरह से जख्मी हो गया। सभी फिदायीन भीषण गोलीबारी करते हुए और हथगोलों को दागते हुए सेना कैम्प में जा घुसे। संतरी ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उसे भी मार दिया गया। हालांकि एक आतंकी जवाबी कार्रवाई में जरूर मारा गया। जबकि बाकी कैम्प के भीतर जा घुसे थे। आतंकियों द्वारा हथगोलों और राकेट लांचरों का इस्तेमाल करने से मुठभेड़ भीषण हो गई थी। आतंकियों द्वारा फेंके गए बमों के कारण शिविर के भीतर कई जगहों पर आग भी लग गई थी जिसे बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां बुलाई गई थीं पर वे भीषण गोलीबारी के कारण अभी तक कैम्प के भीतर नहीं जा पाई थीं। उड़ी में हुए हमले में अभी तक सेना के 24 पंजाब रेजिमेंट के लेफ्टिनेंट कर्नल संकल्प कुमार समेत 8 जवानों की मौत हो गई। इस हमले में 6 फिदायीनों को ढेर कर दिया गया। उड़ी में सेना के जो 8 जवान शहीद हुए उनमें से 4 की मौत जिन्दा जलने से उस समय हुई जब आतंकियों ने सोए हुए जवानों के बैरक को आग लगा दी थी। यह पहला मौका था कि आतंकियों ने हमले के दौरान पहले अपने आपको दो हिस्सों में बांट कर दोहरे हमले किए थे और दूसरे ग्रुप ने बैरकों को आग लगानी आरंभ की थी।
दूसरा हमला:
इस हमले से अभी सुरक्षाकर्मी जूझ ही रहे थे कि आतंकियों ने श्रीनगर के सौरा इलाके में हमला बोल दिया। सौरा में मुठभेड़ उस समय आरंभ हुई जब सुरक्षाबलों ने एक कार में सवार लोगों को रोका तो कार में सफर कर रहे लश्करे तौयबा के आतंकियों ने हमला बोल दिया। जवाबी कार्रवाई में लश्करे तौयबा के दो आतंकियों को मार गिराया गया जिनमें वांछित कमांडर कारी इसरार भी शामिल था। इस हमले में कई पुलिसवाले जख्मी हो गए थे।
तीसरा हमला:
आतंकियों के हमले यहीं पर नहीं रूके थे. आतंकियों ने इसके बाद शोपियां को निशाना बनाया था। उन्होंने शोपियां के पुलिस स्टेशन के पास एक पुलिस पार्टी को निशाना बना हथगोलों से हमले किए जिसके परिणाम में कई पुलिसवाले जख्मी हो गए। हमले के बाद इलाके को घेर लिया गया था और आतंकियों की तलाश की जारी थी।
चौथा हमला:
आतंकियों ने अपने ताबड़ तोड़ हमलों के क्रम को जारी रखते हुए दोपहर साढ़े तीन बजे पुलवामा के त्राल इलाके के बस अडडे पर हथगोलों से हमला कर दिया। इस हमले में समाचार भिजवाए जाने तक6 लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे जिसमें से तीन की दशा नाजुक है। जानकारी के लिए ताजा हमले उन्हीं स्थानों पर हुए हैं जहां अभी मतदान होना है और जहां प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की रैलियां आयोजित की जानी हैं।
याद रहे 8 दिसम्बर को प्रधानमंत्री कश्मीर का दौरा कर चुनावी रैलियों को संबोधित करने वाले हैं और कल ही यह आशंका जताई जा रही थी कि आतंकी चुनावी माहौल को दहशतजदा करने की खातिर कई स्थानों पर आत्मघाती हमले कर सकते हैं। हालांकि श्रीनगर में तो फिदयीन हमलों से निपटने की खातिर उपाय किए जा रहे थे लेकिन अन्य क्षेत्रों में बरती गई ढील का नतीजा ही था कि आतंकी उड़ी के सैन्य शिविर पर फिदायीन हमला करने में कामयाब रहे थे।
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