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बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि हाईकोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाली याचिका रद्द नहीं की होती तो उसे गिरफ्तार नहीं किया जाता। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस को पहले दिन से ही पूरी जानकारी थी कि दयाशंकर कहां-कहां घूम रहे हैं लेकिन सपा और भाजपा की मिलीभगत के कारण उसे गिरफ्तार नहीं किया गया।
यहां तक कि सोशल मीडिया पर वह फोटो पोस्ट करता रहा और पत्रकार उसका साक्षात्कार छापते रहे। इनकी मिलीभगत का ही नतीजा था कि गिरफ्तारी में इतने दिन लग गए। मायावती ने कहा कि भाजपा एक तरफ तो दिखावे के लिए दयाशंकर सिंह को पद व पार्टी से कुछ समय के लिए हटाती है और वहीं दूसरी तरफ उसके अगले ही दिन से पार्टी सड़कों पर दयाशंकर सिंह के पक्ष में उतर आती है। इससे साफ होता है कि भाजपा इस मामले का राजनीतिकरण कर रही है।
नसीमुद्दीन पर हमले की आलोचना कीः मायावती ने पार्टी के वरिष्ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर आगरा में हुए हमले की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सपा सरकार सभी दोषियों को कानूनी कार्रवाई करके जेल भेजे। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने पूर्व पदाधिकारी दयाशंकर सिंह के दलित व महिला-विरोधी प्रकरण में लगातार हो रही किरकिरी व फजीहत पर से लोगों का ध्यान बांटने के लिए हिंसा पर उतर आई है। उन्होंने कहा कि सिद्दीकी जब आगरा के दौरे पर थे, तब भाजपा के लोगों ने क्षत्रिय समाज की आड़ में उनके काफिले पर हमला बोला और पत्थरबाजी की। इससे वहां का पूरा माहौल तनावपूर्ण हो गया। उन्होंने इस मामले में स्थानीय पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं।
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बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि हाईकोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाली याचिका रद्द नहीं की होती तो उसे गिरफ्तार नहीं किया जाता। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस को पहले दिन से ही पूरी जानकारी थी कि दयाशंकर कहां-कहां घूम रहे हैं लेकिन सपा और भाजपा की मिलीभगत के कारण उसे गिरफ्तार नहीं किया गया।
यहां तक कि सोशल मीडिया पर वह फोटो पोस्ट करता रहा और पत्रकार उसका साक्षात्कार छापते रहे। इनकी मिलीभगत का ही नतीजा था कि गिरफ्तारी में इतने दिन लग गए। मायावती ने कहा कि भाजपा एक तरफ तो दिखावे के लिए दयाशंकर सिंह को पद व पार्टी से कुछ समय के लिए हटाती है और वहीं दूसरी तरफ उसके अगले ही दिन से पार्टी सड़कों पर दयाशंकर सिंह के पक्ष में उतर आती है। इससे साफ होता है कि भाजपा इस मामले का राजनीतिकरण कर रही है।
नसीमुद्दीन पर हमले की आलोचना कीः मायावती ने पार्टी के वरिष्ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर आगरा में हुए हमले की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सपा सरकार सभी दोषियों को कानूनी कार्रवाई करके जेल भेजे। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने पूर्व पदाधिकारी दयाशंकर सिंह के दलित व महिला-विरोधी प्रकरण में लगातार हो रही किरकिरी व फजीहत पर से लोगों का ध्यान बांटने के लिए हिंसा पर उतर आई है। उन्होंने कहा कि सिद्दीकी जब आगरा के दौरे पर थे, तब भाजपा के लोगों ने क्षत्रिय समाज की आड़ में उनके काफिले पर हमला बोला और पत्थरबाजी की। इससे वहां का पूरा माहौल तनावपूर्ण हो गया। उन्होंने इस मामले में स्थानीय पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं।
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