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नई दिल्ली : पठानकोट में एयरफोर्स बेस पर हुए आतंकी हमले के मामले में अमेरिका ने भारत को पाकिस्तान के खिलाफ अहम सबूत दिए हैं। अमेरिका ने भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को 1000 पन्नों का डोजियर सौंपा है। इसमें आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर काशिफ जान और चार फिदायीन आतंकियों के बीच बातचीत रिकार्ड हैं। गौर हो कि इस साल की शुरुआत में जनवरी महीने में पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले में 7 जवान शहीद हो गए थे। इस 1000 पन्नों के डोजियर में पाकिस्तान की नापाक साजि श का खुलासा हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस डोजियर में आतंकियों की बातचीत के अहम सबूत मिले हैं। इसमें पाकिस्तानी आतंकियों और उनके हैंडलर के बीच बातचीत का जिक्र है। हमले के दौरान पाकिस्तान में हैंडलर के संपर्क में थे जैश आतंकी। हैंडलर से लगातार 80 घंटे संपर्क में रहे थे आतंकी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हमले के दौरान चारों फिदायीन नासिर हुसैन, अबू बकर, उमर फारूक और अब्दुल कयूम 80 घंटे तक पाक में बैठे अपने हैंडलर्स से कॉन्टैक्ट में रहे। अमेरिकी अफसरों के मुताबिक, इसमें काशिफ की पाकिस्तान स्थित जैश के हैंडलर्स से एक तय सीमा में बातचीत का ब्योरा भी दर्ज है। एनआईए इन दस्तावेजों की जांच कर रही है।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस डोजियर में हमले को लेकर जैश-ए मोहम्मद के सरगना कासिफ जान की चार फिदायीनों से हुई बातचीत भी रिकॉर्ड है। 2008 में मुंबई धमाके से पहले लश्कर के आतंकियों के बीच हुई बातचीत की तरह ही इस रिकॉर्ड को भी देखा जा रहा है। उस दौरान भी लश्कर के सरगना कराची से ही मुंबई धमाके की साजिश कर रहे थे।
अमेरिका ने एनआईए को कई अन्य अहम जानकारियां सौंपी हैं। एनआईए के अधिकारी इन सबूतों का विश्लेषण कर रहे हैं। जांच के मुताबिक वॉट्सएप पर बातचीत के अलावा कासिम जान एक फेसबुक अकाउंट भी चला रहा था। अकाउंट उसी नंबर से जुड़ा हुआ था जिससे हमलावरों ने एसपी सलविंदर सिंह को किडनैप करते वक्त पठानकोट से कॉल किया था। फेसबुक अकाउंट से जुड़े नंबर से भी आतंकियों ने पाकिस्तान में कॉल किया था। यह अकाउंट भी कासिम जान ही चलाता था और इन्हें पाकिस्तान स्थित टेलिकॉम फर्म्स के आईपी अड्रेस का इस्तेमाल करके एक्सेस किया जा रहा था। आतंकियों ने जैश-ए-मोहम्मद की फाइनेंशियल बॉडी अल-रहमत-ट्रस्ट के नंबरों पर भी कॉल किया था। इस बारे में भारत ने अमेरिका से टेक्निकल डिटेल्स मांगी थीं। एनआईए ने अमेरिका से इन चैट्स और अकाउंट्स की डिटेल मांगी थी।
पठानकोट में एयरफोर्स बेस पर आतंकी हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर था जो जैश-ए-मोहम्मद का सरगना है।
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नई दिल्ली : पठानकोट में एयरफोर्स बेस पर हुए आतंकी हमले के मामले में अमेरिका ने भारत को पाकिस्तान के खिलाफ अहम सबूत दिए हैं। अमेरिका ने भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को 1000 पन्नों का डोजियर सौंपा है। इसमें आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर काशिफ जान और चार फिदायीन आतंकियों के बीच बातचीत रिकार्ड हैं। गौर हो कि इस साल की शुरुआत में जनवरी महीने में पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले में 7 जवान शहीद हो गए थे। इस 1000 पन्नों के डोजियर में पाकिस्तान की नापाक साजि श का खुलासा हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस डोजियर में आतंकियों की बातचीत के अहम सबूत मिले हैं। इसमें पाकिस्तानी आतंकियों और उनके हैंडलर के बीच बातचीत का जिक्र है। हमले के दौरान पाकिस्तान में हैंडलर के संपर्क में थे जैश आतंकी। हैंडलर से लगातार 80 घंटे संपर्क में रहे थे आतंकी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हमले के दौरान चारों फिदायीन नासिर हुसैन, अबू बकर, उमर फारूक और अब्दुल कयूम 80 घंटे तक पाक में बैठे अपने हैंडलर्स से कॉन्टैक्ट में रहे। अमेरिकी अफसरों के मुताबिक, इसमें काशिफ की पाकिस्तान स्थित जैश के हैंडलर्स से एक तय सीमा में बातचीत का ब्योरा भी दर्ज है। एनआईए इन दस्तावेजों की जांच कर रही है।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस डोजियर में हमले को लेकर जैश-ए मोहम्मद के सरगना कासिफ जान की चार फिदायीनों से हुई बातचीत भी रिकॉर्ड है। 2008 में मुंबई धमाके से पहले लश्कर के आतंकियों के बीच हुई बातचीत की तरह ही इस रिकॉर्ड को भी देखा जा रहा है। उस दौरान भी लश्कर के सरगना कराची से ही मुंबई धमाके की साजिश कर रहे थे।
अमेरिका ने एनआईए को कई अन्य अहम जानकारियां सौंपी हैं। एनआईए के अधिकारी इन सबूतों का विश्लेषण कर रहे हैं। जांच के मुताबिक वॉट्सएप पर बातचीत के अलावा कासिम जान एक फेसबुक अकाउंट भी चला रहा था। अकाउंट उसी नंबर से जुड़ा हुआ था जिससे हमलावरों ने एसपी सलविंदर सिंह को किडनैप करते वक्त पठानकोट से कॉल किया था। फेसबुक अकाउंट से जुड़े नंबर से भी आतंकियों ने पाकिस्तान में कॉल किया था। यह अकाउंट भी कासिम जान ही चलाता था और इन्हें पाकिस्तान स्थित टेलिकॉम फर्म्स के आईपी अड्रेस का इस्तेमाल करके एक्सेस किया जा रहा था। आतंकियों ने जैश-ए-मोहम्मद की फाइनेंशियल बॉडी अल-रहमत-ट्रस्ट के नंबरों पर भी कॉल किया था। इस बारे में भारत ने अमेरिका से टेक्निकल डिटेल्स मांगी थीं। एनआईए ने अमेरिका से इन चैट्स और अकाउंट्स की डिटेल मांगी थी।
पठानकोट में एयरफोर्स बेस पर आतंकी हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर था जो जैश-ए-मोहम्मद का सरगना है।
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