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नई दिल्ली: बिहार के मोकामा में 250 से ज्यादा नीलगायों की गोली मारकर हत्या के मामले में केंद्र के दो मंत्री आमने-सामने हैं। महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी जहां जानवरों को मारे जाने का विरोध कर रही हैं, तो दूसरी तरफ पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि राज्यों के अनुरोध के बाद ही जानवरों को मारने का आदेश दिया गया है। इसके लिए पहले से ही कानून बना हुआ है।
महिला एवम बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने आरोप लगाया कि पर्यावरण मंत्रालय हर राज्य को चिट्ठी लिखकर पूछ रहा है कि किस जानवर को मारना है, वह आदेश दे देगा। इस मामले में विवाद तब बढ़ा, जब हाल ही में बिहार के मोकामा में नीलगायों को मारने का आदेश जारी हुआ। बताया जा रहा है कि बिहार के मोकामा में पिछले तीन दिनों में 250 से ज्यादा नीलगायों को मारा जा चुका है, जिसके लिए हैदराबाद से शूटर्स की टीम बुलाई गई है। मेनका ने कहा कि बिहार में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर जानवरों को मारा गया है। यह इजाजत फसल की बर्बादी को रोकने के लिए ली गई थी।
दूसरी तरफ पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि जानवरों के हाथों फसल खराब होने से परेशान किसानों ने इसकी मांग की थी, जिसके बाद जानवरों को मारने की अनुमति दी गई है। जावड़ेकर ने कहा कि किसने क्या कहा मैं उस प्रतिक्रिया नहीं देता। लेकिन कानून के आधार पर जब किसान की फसल का नुकसान होता है और राज्य सरकार प्रस्ताव देती है तो हम राज्य सरकार को मंजूरी देते हैं। ये केंद्र सरकार का नहीं , राज्य सरकार का काम है। इसके लिए पहले से ही कानून बना हुआ है।
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