जब इस व्यक्ति ने रेस्तरा में गरीब बच्चों को खाना खिलाया...

--


न्यूज़: “आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए. मानवता एक सागर की तरह है, यदि सागर की कुछ बूंदे खराब हैं तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता है” – महात्मा गांधी

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ये शब्द आज केरल के मल्लापुरम के इस रेस्तरा में गुंज रही है. दरअसल एक व्यक्ति ऑफिस की धकान के बाद रात के भोजन के लिए एक रेस्तरा में जाता है. तब उसकी नजर दो ऐसे बच्चों पर पड़ती है जिनकी आंखें रोटी की मांग कर रही थी. ये बच्चे राह चलते भीख मांगने वाले बच्चे थे. व्यक्ति ने उन बच्चों को आवाज दी और उन्हें अपने पास बुलाया तथा पूछा क्या चाहिए? बच्चों ने टेबल की तरफ इशारा किया. व्यक्ति ने बिना देरी किए उन दोनों बच्चों के लिए खाने का ऑर्डर दे दिया. दोनों बच्चों ने भरपेट खाना खाया.
इसके बाद जिस शख्स ने उन्हें खाना खिलाया उसने भी अपना खाना ऑर्डर किया. अब थी बिल की बारी,  जब उस व्यक्ति को रेस्तरा की तरफ से बिल मिला तो उसकी आंखें भर आईं. बिल पर अमाउंट नहीं लिखा था बल्कि एक बात लिखी हुई थी. ‘हमारे पास कोई ऐसी मशीन नहीं जो इंसानियत का बिल बताती हो’..


latest hindi news update by police prahari news
 -- Sponsored Links:-
Share on Google Plus

About PPN

0 comments:

Post a Comment