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न्यूज़: सीबीआई ने अदालत से मुंबई के पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या के मामले में छोटा राजन से पूछताछ करने की अनुमति देने का आग्रह किया था. सुनवाई के दौरान छोटा राजन दिल्ली की तिहाड़ जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुआ. उसने कहा कि आरोप पत्र देखने के लिए समय चाहिए.
छोटा राजन ने विशेष न्यायाधीश को यह भी बताया कि वह एक कड़ी सुरक्षा वाली सेल में कैद है. उसे हफ्ते में सिर्फ एक दिन के लिए निकाला जाता है. उसे मुंबई में वकील करने और आरोप पत्र का अध्ययन करने के लिए कम से कम 15 दिन का समय चाहिए. उसके वकील अंशुमान सिन्हा मौजूद थे.
पत्रकार जे डे की हत्या में हाथ का है आरोप
बताते चलें कि मिड डे अखबार से ताल्लुक रखने वाले ज्योतिर्मय डे (56) की हत्या मुंबई के पवाई में 11 जून 2011 को की गई थी. इस मामले में पत्रकार जिग्ना वोरा सहित 11 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इस मामले में छोटा राजन पर भी केस चलाया जा रहा है.
बताते चलें कि मिड डे अखबार से ताल्लुक रखने वाले ज्योतिर्मय डे (56) की हत्या मुंबई के पवाई में 11 जून 2011 को की गई थी. इस मामले में पत्रकार जिग्ना वोरा सहित 11 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इस मामले में छोटा राजन पर भी केस चलाया जा रहा है.
पिछले साल बाली से किया गया गिरफ्तार
करीब दो दशक से भारतीय पुलिस की आंखों में धूल झोंकने वाला डॉन छोटा राजन 25 अक्टूबर, 2015 को इंडोनेशिया के बाली में गिरफ्तार किया गया था. यह ऑपरेशन सीबीआई, इंटेलीजेंस यूनिट, मुंबई क्राइम ब्रांच, और इंडोनेशिया पुलिस के साथ इंटरपोल के सफल कोऑर्डिनेशन के जरिए सफल हो सकी थी.
करीब दो दशक से भारतीय पुलिस की आंखों में धूल झोंकने वाला डॉन छोटा राजन 25 अक्टूबर, 2015 को इंडोनेशिया के बाली में गिरफ्तार किया गया था. यह ऑपरेशन सीबीआई, इंटेलीजेंस यूनिट, मुंबई क्राइम ब्रांच, और इंडोनेशिया पुलिस के साथ इंटरपोल के सफल कोऑर्डिनेशन के जरिए सफल हो सकी थी.
कभी दाऊद का दाहिना हाथ था छोटा राजन
कभी दाऊद इब्राहिम की पनाहों में रहने वाला छोटा राजन मुंबई हमलों के बाद उससे अलग हो गया था. अंडरवर्ल्ड में दाऊद और छोटा राजन गैंग के बीच कई बार टकराव भी हुए थे. जानलेवा हमलों की खबरें भी आईं. लेकिन वह पुलिस और दाऊद की नजरों से बचता रहा.
कभी दाऊद इब्राहिम की पनाहों में रहने वाला छोटा राजन मुंबई हमलों के बाद उससे अलग हो गया था. अंडरवर्ल्ड में दाऊद और छोटा राजन गैंग के बीच कई बार टकराव भी हुए थे. जानलेवा हमलों की खबरें भी आईं. लेकिन वह पुलिस और दाऊद की नजरों से बचता रहा.
व्हाट्सऐप के जरिए ट्रैक हुआ था राजन
हमेशा वीओआईपी के जरिए कॉल करने वाले राजन ने 24 अक्टूबर, 2015 को व्हाट्सऐप के जरिए अपने एक शुभचिंतक को फोन किया, जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने टेप कर लिया. फोन पर छोटा राजन ने कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया में सुरक्षित नहीं है. इसके बाद उसे ट्रैक कर लिया गया.
हमेशा वीओआईपी के जरिए कॉल करने वाले राजन ने 24 अक्टूबर, 2015 को व्हाट्सऐप के जरिए अपने एक शुभचिंतक को फोन किया, जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने टेप कर लिया. फोन पर छोटा राजन ने कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया में सुरक्षित नहीं है. इसके बाद उसे ट्रैक कर लिया गया.
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