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देश विदेश: दुनिया के सात सबसे ताकतवर मुल्कों ने मिलकर एक कसम खाई है कि वो आईएसआईएस को घेर कर सात दरवाजों में बंद करेंगे. फिर उसका नामोनिशान मिटा देंगे. सात दरवाजों का ये ऐसा चक्रव्यूह है जो कामयाब हो गया तो बस समझ लीजिए कि आईएसआईएस की कहानी खत्म हो जाएगी. फिर इसके बाद ना बगदादी होगा और ना ही बगदादी के बेलगाम आतंकवादी.
अमेरिका की अगुवाई में दुनिया के 63 मुल्कों ने पहले से ही आईएस के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. अब दुनिया के सबसे ताकतवर सात मुल्कों ने नए सिरे से आईएसआईएस को बर्बाद करने की कसम खाई है. इस कसम के तहत ये सातों मुल्क अब आईएसआईएस के हर उस ठिकाने को टारगेट करेंगे जहां इसकी मौजूदगी की जरा सी भी भनक होगी. सीरिया में राक्का और इराक में मोसूल जैसे शहरों में जहां आईएसआईएस ने पूरी तरह कब्जा कर रखा है वहां अब और ज्यादा बमबारी होगी.
हमलों के मामले में नए सिरे से अपनी रणनीति बनाने वाले इन मुल्कों ने फैसला किया है कि अब आईएसआईएस पर उसके घर में घुस कर हमला करेंगे. ताकि ना तो इन आतंकवादियों के आका बचें और ना ही इस्लामी हुकूमत के नाम पर और बेगुनाहों का खून बहाने वाले गुर्गे और जल्लाद बच सकें.
आईएसआईएस के खिलाफ नए सिरे से जंग छेड़ने की तैयारी कर रहे इन मुल्कों में अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, इटली, ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड्स शामिल हैं. आईएसआईएस के खिलाफ जारी इस लड़ाई को लेकर अमेरिका और उसके कोलिशन पार्टनर्स कितने संजीदा हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब तक इस आतंकवादी संगठन के ठिकानों पर इन मुल्कों ने 10 हजार से ज्यादा हवाई हमले किए हैं.
यूएस लेड मिलिट्री कोलिशन ने अभी 10 जनवरी तक जहां इराक में 6 हजार 341 हवाई हमले किए , वहीं सीरिया में 3 हजार 219 हवाई हमले किए. इनमें अकेले अमेरिका ने इराक में 4 हजार 361 हवाई हमलों को अंजाम दिया, जबकि सीरिया में 3 हजार 29 हवाई हमलों को अंजाम दिया. हवाई हमलों के इस सिलसिले में अमेरिका के अलावा आस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, जॉर्डन, नीदरलैंड्स, ब्रिटेन, बहरीन, सउदी अरब, तुर्की, यूएई जैसे मुल्क भी शामिल रहे.
बिलों में छिपे बैठे इन आतंकवादियों के खिलाफ इतने हमलों के बावजूद अब तक इन मुल्कों का मिशन पूरा नहीं हुआ है, ऐसे में अमेरिका और फ्रांस जैसे मुल्कों ने अब नए सिरे से अपने इन मित्र राष्ट्रों को साथ लाने की कोशिश शुरू कर दी है. जिससे आईएसआईएस के खिलाफ हमला और तेज किया जा सके. अमेरिका ने जहां अपने एलीट यूएस एक्स-पी-डिश्नरी टार्गेटिंग फोर्स को इराक की सरजमीन पर उतार दिया है, वहीं फ्रांस भी ग्राउंड अटैक के बारे में संजीदगी से सोच रहा है. अब इन तमाम हालात को देख कर ये उम्मीद की जा सकती है कि अब आईएसआईएस के दिन गिनती के ही रह गए हैं.
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