ग्लोबल वार्मिग से खतरे में 'दुनिया की छत': रिपोर्ट.............online updates by police prahari news

बीजिंग/नई दिल्ली: पर्यावरण मूल्याकंन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल वार्मिग और मानव हस्तक्षेप के कारण 'दुनिया की छत' के रूप में मशहूर तिब्बत के पठार पर प्राकृतिक आपदाओं का खतरा तेजी से बढ़ रहा है.

as per ABP :

दुनिया के सबसे ऊंचे पठार पर हो रहे पर्यावरण परिवर्तन की यह रिपोर्ट चीनी विज्ञान अकादमी के तहत तिब्बती पठार अनुसंधान संस्थान द्वारा प्रकाशित की गई.

रिपोर्ट के अनुसार, तिब्बत के पठार पर भूस्खलन, भारी बर्फबारी और बाढ़ जैसी आपदाओं का खतरा बढ़ता जा रहा है, साथ ही आग को बुझाना और उस पर काबू पाना भी कठिन होता जा रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार तिब्बत के पठारी हिस्से में 1950 से 2010 के बीच करीब 1,500 पर्वतीय बाढ़ की आपदा आई, जिसमें से 1998 की बाढ़ सबसे भयावह थी, जिसने तिब्बत के 50 प्रांतों को प्रभावित किया.

बारिश के मौसम में अचानक आई तेज बारिश के कारण तिब्बत के पठार पर भीषण बाढ़ की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं.

रिपोर्ट में हिमनदों और अवरोध झीलों के कारण भी तिब्बत के पठार को खतरा बढ़ता जा रहा है, क्योंकि इनमें से 20 झीलें 20वीं सदी में बहुत अधिक उफना गईं, जिनके कारण तिब्बत को भारी तबाही झेलनी पड़ी.

रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि बीते 40 वर्षो में जलवायु परिवर्तन और मानव हस्तक्षेप की वजह से पठार पर बाढ़, आग, हिमस्खलन और बर्फीले तूफान जैसी आपदाओं में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है.
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