as per ABP:
चेन्नई : तमिलनाडु में मूसलाधार बारिश के कारण अबतक कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई है. मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है. इस बीच यहां महामारी का खतरा भी मंडराने लगा है. प्रशासन इस स्थिति से निपटने की कोशिश में लगा है.
बुधवार को भी बारिश जारी रही, जिसके बाद लोग जलभराव वाले इलाकों में महामारी फैलने की आशंका से सहमे हुए हैं. रिहायशी इलाकों में बारिश का पानी जमा हो गया है, जिसमें ऊंचाई वाले इलाकों में पानी घटने से आए कूड़े स्वास्थ्य के लिए समस्या बन गए हैं.
कई इलाकों में पीने का पानी दूषित हो गया है, जिससे बीमारियों का खतरा और बढ़ गया है. कांचीपुरम जिले के एक निवासी रंगाराजन ने कहा, 'पानी के उतरने में दो दिन का समय लग सकता है. यह खतरे का संकेत है, क्योंकि मलेरिया व डेंगू जैसी महामारी जलभराव वाले इलाकों में फैल सकती है.'
राज्य सरकार हालांकि आधिकारिक तौर पर मौतों की संख्या पर चुप्पी साधे हुए है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में उसने चिकित्सा शिविर लगाए हैं. यहां जारी एक बयान के मुताबिक, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता ने कहा कि नुकसान के आकलन के लिए सर्वेक्षण का काम जारी है और जल्द ही मुआवजा दिया जाएगा.
जयललिता ने कहा कि कांचीपुरम जिले में 34 हजार से अधिक लोग 116 शिविरों में हैं. उनके मुताबिक, पुलिस को जलभराव वाले इलाके में स्थित घरों पर नजर रखने के लिए कहा गया है, जहां से लोग सुरक्षित जगह जाना चाहेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि तिरूवल्लूर जिले में झीलों में आए दरार को युद्धस्तर पर कार्य कर भर दिया गया है.
26,448 लोगों को राहत शिविरों में शरण दी गई है. राजधानी चेन्नई में 9,100 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं. मुख्यमंत्री जयललिता के मुताबिक, जिन इलाकों से बाढ़ का पानी निकल गया है, वहां जलापूर्ति बहाल करने की पक्रिया शुरू कर दी गई है.
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