नई दिल्ली. सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्युरिटी फोर्स (सीआईएसएफ) ने एयरलाइंस कंपनियों से कहा है कि वे पैसेंजर्स से अपने साथ सिर्फ एक बैग लाने के लिए कहें। सीआईएसएफ ने अपनी परेशानी जाहिर करते हुए कहा है कि पैसेंजर्स अपने साथ कई बैग लाते हैं इसकी वजह से सिक्युरिटी चेक का प्रेशर बढ़ जाता है। सीआईएसएफ के मुताबिक, इससे सिक्युरिटी की चिंता भी बढ़ जाती है।
ज्यादातर पैसेंजर रखते हैं दो बैग
इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट यानी आईजीआई में हुए एक सर्वे का हवाला देते हुए सीआईएसएफ ने कहा कि ज्यादातर पैसेंजर लैपटॉप और लेडीज हैंडबैग को छोड़कर अपने साथ दो बैग रखते हैं। आईजीआई एयरपोर्ट पर करीब एक लाख लोग रोज आते हैं।
एक पैसेंजर-एक बैग का रूल कोई नहीं मानता
सीआईएसएफ के सीनियर अफसर ने बताया, “लोग अक्सर सिक्युरिटी चेक पर लंबी लाइनों की शिकायत करते हैं। हमने इस पूरे प्रोसेस को रिव्यू किया। इस दौरान पाया गया कि एक पैसेंजर-एक बैग के रूल को एयरलाइन ऑपरेटर्स फॉलो नहीं करते। जिसकी वजह से बैगेज रोलर में अक्सर कोई न कोई प्रॉब्लम आती है। अकसर हर पैसेंजर लैपटॉप और हैंडबैग को छोड़कर अपने साथ 1.8 लगेज लेकर चलता है। नतीजा यह होता है कि सीआईएसएफ स्टाफ चैकिंग में ज्यादा वक्त लेता है।”
सिक्युरिटी को लेकर समझौता
अफसर के मुताबिक, “एक एक्स-रे मशीन से एक घंटे में 300 बैग गुजारे जा सकते हैं लेकिन क्योंकि पैसेंजर्स अपने साथ ज्यादा बैग लेकर चलते हैं, यह संख्या लगभग दोगुनी हो जाती है। यह सिक्युरिटी के लिए बड़ा रिस्क है।” रिपोर्ट के मुताबिक, लंबी लाइनों का ज्यादा प्रेशर होने के चलते सीआईएसएफ हर पैसेंजर को 5 से 7 सेंकेंड में क्लियर कर देती है। जबकि इसके लिए 20 सेंकेंड लिए जाने चाहिए।
‘पैसेंजर के खिलाफ नहीं लिया जा सकता बड़ा एक्शन’
दूसरी ओर, एक एयरलाइन कंपनी के अफसर ने बताया कि एक पैसेंजर को 7 किलो बैगेज अपने साथ ले जाने की इजाजत है लेकिन अगर वो इसे दो या तीन बैग में बांट देता है तो एयरलाइन उसके खिलाफ कोई बड़ा एक्शन नहीं ले सकती।
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