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इस बीच रामगोपाल यादव ने एक बार फिर अपने भाई मुलायम सिंह यादव पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, ‘मुलायम सिंह यादव को अखिलेश की लोकप्रियता से जलन हो रही है। हर बाप चाहता है कि उसका बेटा आगे बढ़े लेकिन यहां ऐसा नहीं हो रहा।’ इससे पहले सोमवार देर शाम अखिलेश यादव ने अकेले जाकर मुलायम सिंह से उनके घर पर मुलाकात की। जबकि शिवपाल यादव सीएम अखिलेश के आवास पर करीब 1 घंटे तक इंतजार करते और फिर वापस लौट गए।
सोमवार को हुई बैठक के बाद अब सभी की निगाहें अखिलेश पर हैं, क्योंकि सपा सुप्रीमो ने स्पष्ट कर दिया है कि वो शिवपाल और अमर सिंह को अलग नहीं कर सकते। ऐसे में मुश्किलें अखिलेश के लिए ही खड़ी होती हैं। अटकलें हैं कि अगर अखिलेश की शर्तें नहीं मानी गईं तो वो नई पार्टी का गठन कर सकते हैं। उससे पहले उनकी कोशिश सपा में ही वर्चस्व बनाए रखने की होगी। सोमवार को ही खबर आई कि पार्टी अध्यक्ष शिवपाल यादव एक बार फिर अखिलेश समर्थक 10 और नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं।
सोमवार को हुई बैठक में सबसे पहले मुख्यमंत्री ने अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, ‘मेरे पिता मेरे लिए गुरु हैं। नेताजी ने मुझे अन्याय से लड़ना सिखाया। मैं अलग पार्टी क्यों बनाऊंगा। कई लोग गलतफहमी पैदा कर रहे हैं।’ अखिलेश बोलते-बोलते रो पड़े। उन्होंने कहा कि मैं नेताजी के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री बना। बैठक के बाद मुलायम सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि अखिलेश को पार्टी से नहीं निकाला जाएगा।
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समाजवादी पार्टी में उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को
पूरे दिन पार्टी और यादव परिवार का हाई-वोल्टेज ड्रामा जारी रहा। लखनऊ में
बैठक के दौरान हुए हंगामे के बाद से सुलह की कोशिश जारी रही, लेकिन सुलह का
रास्ता नहीं निकल पाया। खबर है कि अखिलेश के मंत्रिमंडल में सभी बर्खास्त
मंत्रियों की वापसी होगी। अखिलेश ने शिवपाल समेत 4 मंत्रियों को कैबिनेट
से बर्खास्त किया था। मंगलवार सुबह मीडिया से बातचीत में शिवपाल ने कहा कि
पार्टी में सबकुछ ठीक है। जो भी नेताजी कहेंगे उसका पालन होगा। सरकार
में वापसी के सवाल पर शिवपाल ने कहा कि जो भी नेताजी कहेंगे मैं उसका पालन
करूंगा।
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इस बीच रामगोपाल यादव ने एक बार फिर अपने भाई मुलायम सिंह यादव पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, ‘मुलायम सिंह यादव को अखिलेश की लोकप्रियता से जलन हो रही है। हर बाप चाहता है कि उसका बेटा आगे बढ़े लेकिन यहां ऐसा नहीं हो रहा।’ इससे पहले सोमवार देर शाम अखिलेश यादव ने अकेले जाकर मुलायम सिंह से उनके घर पर मुलाकात की। जबकि शिवपाल यादव सीएम अखिलेश के आवास पर करीब 1 घंटे तक इंतजार करते और फिर वापस लौट गए।
सोमवार को हुई बैठक के बाद अब सभी की निगाहें अखिलेश पर हैं, क्योंकि सपा सुप्रीमो ने स्पष्ट कर दिया है कि वो शिवपाल और अमर सिंह को अलग नहीं कर सकते। ऐसे में मुश्किलें अखिलेश के लिए ही खड़ी होती हैं। अटकलें हैं कि अगर अखिलेश की शर्तें नहीं मानी गईं तो वो नई पार्टी का गठन कर सकते हैं। उससे पहले उनकी कोशिश सपा में ही वर्चस्व बनाए रखने की होगी। सोमवार को ही खबर आई कि पार्टी अध्यक्ष शिवपाल यादव एक बार फिर अखिलेश समर्थक 10 और नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं।
सोमवार को हुई बैठक में सबसे पहले मुख्यमंत्री ने अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, ‘मेरे पिता मेरे लिए गुरु हैं। नेताजी ने मुझे अन्याय से लड़ना सिखाया। मैं अलग पार्टी क्यों बनाऊंगा। कई लोग गलतफहमी पैदा कर रहे हैं।’ अखिलेश बोलते-बोलते रो पड़े। उन्होंने कहा कि मैं नेताजी के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री बना। बैठक के बाद मुलायम सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि अखिलेश को पार्टी से नहीं निकाला जाएगा।
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