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अखिलेश सिंह को दी नसीहत, अमर सिंह व शिवपाल को बचाया
– तुम क्या अकेले चुनाव जीत सकते हो, तुम्हारी हैसियत क्या है
– अमर सिंह व शिवपाल को नहीं छोड़ सकता हूं
– अमर सिंह ने जेल जाने से बचाया, आपको बचाया हमें भी बचाया जेल जाने से
– मैं कमजोर नहीं हूं,मेरे साथ भी नौजवान हैं
– कौमी एकता दल सम्मानित परिवार से हैं
– एक लाठी सिर पर मार दो तो दिमाग ठीक हो जाएगा, मुझे भी लाठी पड़ी थी
-बैठक में नारे लगाने वालों को डांटा, दिमाग खराब हो गया है।
-मैंने बुलाया मीटिंग में, कैसे चुनाव जीतें ये मैं जानता हु।
कमी दूर करने के बजाय आपस में लड़ने लगे। मैं इससे आहत हूं
– मैंने सोचा गुंडागर्दी करते हैं,जानते हो कितनी खतरनाक होती है गुंडागर्दी। जीवन कैसे कटा मुझे मालूम है
– पार्टी में चल रहे झगड़े से आहत हूं
– अखिलेश को दी नसीहतें, आलोचना करने वाला ही असली मित्र है।
-आलोचना नहीं सुन सकता वह नेता नहीं रह सकता
-नारेबाजी अच्छी चीज है,मैं नौजवानों से कह दूं, अभी भी ऐसे लोग बैठे हैं शांति से बैठो
-हमने बड़े-बड़े पदों पर संविधान में बदलाव मैंने किया युवा आएं, एमएलए बन गए
– कभी बन सकते थे, दिमाग खराब हो गए हैं
– मुख्यमंत्री आप हवा में घूमते हैं
– पत्र लिखने वाला जासूसी करता है मेरे घर की,पत्र लिखा सही लिखा लेकिन वह जुुआरियों की मदद कर रहा है
– जो नेता उछल रहे हैं एक लाठी नहीं झेल सकते।
– रक्षा मंत्री भी रह चुका हूं,मैं नहीं बनना चाहता था, मुख्तार अंसारी का परिवार सम्मानित परिवार है।
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उत्तरप्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी घमासान जारी है। रविवार को
अखिलेश यादव द्वारा लिए गए बड़े फैसलों के बाद आज मुलायम सिंह यादव ने भी
एक बैठक ली और अपने मन की बातें कहीं। बैठक के दौरान नेताजी की बड़ी बातों
पर डालें एक नजर जो उन्होंने विधायक और मंत्रियों की बैठक के दौरान की।
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अखिलेश सिंह को दी नसीहत, अमर सिंह व शिवपाल को बचाया
– तुम क्या अकेले चुनाव जीत सकते हो, तुम्हारी हैसियत क्या है
– अमर सिंह व शिवपाल को नहीं छोड़ सकता हूं
– अमर सिंह ने जेल जाने से बचाया, आपको बचाया हमें भी बचाया जेल जाने से
– मैं कमजोर नहीं हूं,मेरे साथ भी नौजवान हैं
– कौमी एकता दल सम्मानित परिवार से हैं
– एक लाठी सिर पर मार दो तो दिमाग ठीक हो जाएगा, मुझे भी लाठी पड़ी थी
-बैठक में नारे लगाने वालों को डांटा, दिमाग खराब हो गया है।
-मैंने बुलाया मीटिंग में, कैसे चुनाव जीतें ये मैं जानता हु।
कमी दूर करने के बजाय आपस में लड़ने लगे। मैं इससे आहत हूं
– मैंने सोचा गुंडागर्दी करते हैं,जानते हो कितनी खतरनाक होती है गुंडागर्दी। जीवन कैसे कटा मुझे मालूम है
– पार्टी में चल रहे झगड़े से आहत हूं
– अखिलेश को दी नसीहतें, आलोचना करने वाला ही असली मित्र है।
-आलोचना नहीं सुन सकता वह नेता नहीं रह सकता
-नारेबाजी अच्छी चीज है,मैं नौजवानों से कह दूं, अभी भी ऐसे लोग बैठे हैं शांति से बैठो
-हमने बड़े-बड़े पदों पर संविधान में बदलाव मैंने किया युवा आएं, एमएलए बन गए
– कभी बन सकते थे, दिमाग खराब हो गए हैं
– मुख्यमंत्री आप हवा में घूमते हैं
– पत्र लिखने वाला जासूसी करता है मेरे घर की,पत्र लिखा सही लिखा लेकिन वह जुुआरियों की मदद कर रहा है
– जो नेता उछल रहे हैं एक लाठी नहीं झेल सकते।
– रक्षा मंत्री भी रह चुका हूं,मैं नहीं बनना चाहता था, मुख्तार अंसारी का परिवार सम्मानित परिवार है।
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